


सरकार अलर्ट मोड पर, भड़काऊ पोस्ट पर होगी त्वरित कार्रवाई
पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत की स्ट्राइक के बाद देशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस संदर्भ में प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन में आपदा प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और नागरिक सुरक्षा के लिए कई अहम निर्देश दिए गए हैं।
अस्पताल और राहत केंद्रों की तैयारी के निर्देश
गृह विभाग की आपदा प्रबंधन गाइडलाइन के तहत सभी जिलों में अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाएं और पूर्ण मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। कुछ चिन्हित स्कूलों और अस्पतालों को अस्थाई राहत केंद्रों में बदलने की योजना भी बनाई जाएगी, ताकि किसी आपात स्थिति में वहां लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।
सोशल मीडिया पर निगरानी और त्वरित कार्रवाई के आदेश
देश विरोधी या भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टरों और एसपी को आदेश है कि सोशल मीडिया की निगरानी की जाए और माहौल बिगाड़ने वाली किसी भी पोस्ट पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए।
- Advertisement -
खाद्य आपूर्ति और जल प्रबंधन को लेकर सतर्कता
जिलों में खाद्य सामग्री और पीने के पानी की सप्लाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। स्टोरेज या कालाबाज़ारी पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। जलदाय विभाग को निर्देशित किया गया है कि किसी भी आपात स्थिति में जल आपूर्ति पूरी तरह चालू रहनी चाहिए।
सीमावर्ती जिलों में सेना और एजेंसियों से तालमेल के निर्देश
सीमावर्ती क्षेत्रों में अधिकारियों को सेना और केंद्रीय एजेंसियों से सतत संवाद और सहयोग बनाए रखने के लिए कहा गया है। इन इलाकों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समन्वित रूप से काम करने की तैयारी की जा रही है।

गांवों को शिफ्ट करने की योजना तैयार रखने के निर्देश
सीमा पर बसे गांवों में अगर हालात बिगड़ते हैं, तो वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना पहले से तैयार करने को कहा गया है। कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि इस संबंध में आवश्यक संसाधनों और व्यवस्थाओं को तत्काल तैयार रखें।
अति संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ेगी
अस्पताल, पावर प्लांट, तेल-गैस डिपो, पाइपलाइन, धार्मिक स्थलों जैसी अति संवेदनशील जगहों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इन स्थानों की नई लिस्ट तैयार कर सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने को कहा गया है।
सार्वजनिक सूचना प्रणाली और मॉक ड्रिल अनिवार्य
गाइडलाइन में कहा गया है कि जिलों में मोबाइल नेटवर्क और अन्य संचार सेवाएं लगातार चालू रहनी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर माइक सिस्टम लगाकर सूचनाएं प्रसारित करने की व्यवस्था की जाएगी। समय-समय पर मॉक ड्रिल कर आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।
एनजीओ और युवा सेवाओं की मदद ली जाएगी
आपातकालीन हालात में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), एनसीसी कैडेट्स और अन्य गैर सरकारी संगठनों की सेवाएं ली जाएंगी ताकि राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके।
इस गाइडलाइन के माध्यम से सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए हर स्तर पर तत्परता आवश्यक है।