


मोदी सरकार कराएगी जाति जनगणना, विपक्ष ने कहा- हमारी मांग मानी गई
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसलों के साथ जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया गया। यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सामने आया है और इसे सियासी रूप से अहम माना जा रहा है।
लंबे समय से विपक्ष जातिगत जनगणना की मांग कर रहा था। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी कई बार इस मुद्दे पर सरकार को घेरा था। अब केंद्र के इस कदम को विपक्ष अपनी जीत बता रहा है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए कहा कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़े भी जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सामाजिक ताने-बाने की बेहतर समझ के लिए जरूरी है और इससे सरकार की प्रतिबद्धता झलकती है।
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वैष्णव ने आगे कहा कि केंद्र सरकार पहले ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण दे चुकी है, जिससे किसी भी वर्ग पर कोई अन्याय नहीं हुआ। कुछ राज्य पहले ही अपने स्तर पर जातीय सर्वे कर चुके हैं, लेकिन अब एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।

इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों ने लंबे समय तक जातिगत जनगणना का विरोध किया। 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जनगणना का आश्वासन दिया था, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले को लालू प्रसाद यादव और समाजवादियों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि पहले हमारी मांगों को खारिज किया गया था, लेकिन आज सरकार को उन्हीं मांगों पर काम करना पड़ रहा है।
तेजस्वी ने कहा कि अब अगली लड़ाई पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के लिए विधानसभा में आरक्षित सीटों की होगी, जैसे दलित और आदिवासियों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
कांग्रेस नेता उदित राज ने भी इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह कांग्रेस की जीत है। आखिरकार केंद्र सरकार को जाति जनगणना के लिए तैयार होना पड़ा।