

बीकानेर।
राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर गुरुवार को बीकानेर दौरे पर रहे। इस दौरान दोपहर 2:15 बजे प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रॉस्पैरिटी एलायंस (पैपा), राजस्थान के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल के नेतृत्व में उनसे मुलाकात की। यह मुलाकात माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के प्रशासनिक भवन में हुई।
बैठक में समान परीक्षा योजना के तहत प्रति विद्यार्थी ₹10 की जबरन परीक्षा फीस वसूली की ओर शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया। मंत्री दिलावर ने तत्काल इस पर सख्त रुख अपनाते हुए शिक्षा निदेशक सीताराम जाट को तलब किया और वसूली को तुरंत प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए।
पैपा के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि इस मौके पर उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा गया। इसमें प्रमुख मांगें थीं – आरटीई के तहत यूनिट कॉस्ट में शीघ्र वृद्धि, सत्र 2024-25 का लंबित भुगतान एक ही किश्त में जारी करना, तथा स्टूडेंट्स को डीबीटी के जरिए पुस्तक राशि स्थानांतरित करने की योजना को सत्र 2025-26 से लागू करना। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि सत्र 2024-25 लगभग समाप्ति की ओर है और स्कूलों ने पहले ही अप्रैल से अगस्त तक विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित कर दी थीं।
अन्य मांगों में आरटीई के अंतर्गत लगे सभी बाधकों को हटाने, इनके चलते रोके गए भुगतान को शीघ्र जारी करने, सत्र 2020-21 में ऑफलाइन पद्धति से पढ़ाने वाले स्कूलों को बिना शर्त भुगतान करने, और प्री-प्राइमरी कक्षाओं (PP3, PP4, PP5) में अध्ययनरत बच्चों के लिए भी भुगतान की मांग की गई।
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खैरीवाल ने यह भी मांग की कि चार वर्षों से यूनिट कॉस्ट में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जिसे वर्तमान सत्र में ही संशोधित किया जा सकता है क्योंकि अभी बिल निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। साथ ही, सत्र 2025-26 से डीबीटी लागू होने के बाद स्कूलों को पुस्तकें उपलब्ध कराने की बाध्यता समाप्त करने और इस विषय में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग भी रखी गई।
शिक्षा मंत्री ने ज्ञापन में उल्लिखित सभी मांगों के समाधान का आश्वासन दिया और कहा कि आरटीई भुगतान की प्रक्रिया शीघ्र शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने सभी मांगों पर गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में लक्ष्मण व्यास, प्रभुदयाल गहलोत एवं लोकेश कुमार मोदी भी उपस्थित रहे।