


बीकानेर।
महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत कार्यरत श्रमिकों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए आयुक्त (ईजीएस) ने कार्य स्थलों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।
आदेश के अनुसार, यदि कोई श्रमिक या श्रमिक समूह निर्धारित टास्क को समय से पहले पूरा कर लेता है, तो वह कार्यस्थल पर मेट के पास उपलब्ध मस्टरोल में टास्क प्रपत्र भरवाकर कार्य स्थल छोड़ सकता है। उदाहरणस्वरूप, यदि श्रमिक द्वारा निर्धारित कार्य पांच घंटे में पूरा कर लिया जाता है, तो उसे कार्यस्थल पर अनावश्यक रूप से रोका नहीं जाएगा।
साथ ही, कार्यस्थलों पर स्वच्छ पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। पंचायत स्तर पर भामाशाहों के सहयोग से छाछ, केरी की छाछ, नींबू पानी और शरबत जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करने को भी कहा गया है।
श्रमिकों को विश्राम हेतु छाया युक्त शेड की व्यवस्था, प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट ऐड बॉक्स में आवश्यक दवाइयों एवं इलेक्ट्रोल ग्लूकोज की पर्याप्त व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कार्य स्थल पर पांच वर्ष से कम आयु के पांच या अधिक बच्चे महिला श्रमिकों के साथ आते हैं, तो उनकी देखभाल के लिए एक महिला श्रमिक को अलग से नियुक्त किया जाएगा।
इन सभी उपायों का उद्देश्य श्रमिकों को गरिमा एवं सुविधा के साथ कार्य का अवसर प्रदान करना है।