


डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी: RBI का बड़ा खुलासा, जनता को किया सतर्क
देशभर में “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर हो रही ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि “डिजिटल अरेस्ट” जैसी कोई भी वैध प्रक्रिया देश की किसी भी कानूनी या वित्तीय संस्था में नहीं होती।
कैसे होती है यह ठगी
साइबर अपराधी खुद को पुलिस, अदालत या किसी वित्तीय एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि उनके खिलाफ “डिजिटल अरेस्ट वारंट” जारी हुआ है। भय और भ्रम की स्थिति बनाकर वे बैंक डिटेल, ओटीपी या यूपीआई के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं।
RBI की चेतावनी
RBI ने जनता से अपील की है कि इस प्रकार के किसी भी कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें। यह पूरी तरह फर्जी और धोखाधड़ी का प्रयास है। अनजान नंबर से आए कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग विवरण या ओटीपी बिल्कुल साझा न करें।
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क्या करें यदि आए ऐसा कॉल
यदि आपको “डिजिटल अरेस्ट” या किसी अन्य प्रकार की धमकी भरा कॉल या मैसेज प्राप्त हो, तो उसे तुरंत https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
RBI की वर्षगांठ पर जागरूकता संदेश
RBI ने अपनी 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह संदेश दिया है – “जानकारी ही सुरक्षा है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।” साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में हर नागरिक का डिजिटल रूप से जागरूक रहना अत्यंत आवश्यक है।
सावधानी ही सुरक्षा है
डर या लालच में आकर कभी भी किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर वित्तीय जानकारी साझा न करें। जागरूक रहें और दूसरों को भी सतर्क करें।