


जयपुर.
राजधानी के आरयूएचएस अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर एक बार फिर सवाल उठे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सीधे हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सा शिक्षा विभाग के बीच तनातनी तेज हो गई है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने रविवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार को फोन कर अस्पताल में बिना एयर कंडीशनर के ऑपरेशन किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने सवाल किया कि इस लापरवाही से मरीजों को जो परेशानी हुई, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
सीएम के फोन के बाद चिकित्सा शिक्षा सचिव ने तत्काल चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को पत्र लिखकर आरयूएचएस के कुलपति, प्राचार्य और अधीक्षक को लापरवाह बताया। उन्होंने साफ कहा कि एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 24 घंटे सेवाएं अनिवार्य हैं, लेकिन यहां का प्रबंधन इस बुनियादी जिम्मेदारी में असफल रहा है।
अधीक्षक का जवाब
अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेन्द्र कुमार बैनाड़ा ने जवाब में कहा कि “एसी मेंटेनेंस का भुगतान पिछले 9 महीनों से नहीं हुआ, जिससे एसी बंद पड़े थे। हालांकि अब तकनीकी समाधान कर एसी चालू करवा दिए गए हैं।” उन्होंने ये भी कहा कि “राजकीय सेवाएं भुगतान रुकने के कारण बाधित नहीं होनी चाहिए।”
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वित्तीय अस्पष्टता भी बड़ी वजह
सचिव ने यह भी कहा कि अस्पताल में वित्तीय मामलों की जिम्मेदारी स्पष्ट नहीं है, जिसके चलते भुगतान और क्रियान्वयन की प्रक्रिया अधीक्षक, प्राचार्य और कुलपति के बीच उलझी रहती है। उन्होंने वित्तीय सलाहकार की मदद से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा है।
जांच कमेटी का गठन
पूरे मामले की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। कमेटी को सोमवार तक मेंटेनेंस भुगतान में हुई देरी के लिए लिपिकीय, लेखा और अधिकारी स्तर पर जिम्मेदारी तय कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। साथ ही साफ-सफाई, उपकरण, बिल्डिंग रखरखाव और मैनपावर से जुड़ी व्यवस्थाओं का भी परीक्षण किया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार RUHS अस्पताल को RIMS (राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) के रूप में विकसित करने के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट पहले ही घोषित कर चुकी है। ऐसे में व्यवस्थाओं की स्थिति पर सीएम की चिंता स्वाभाविक है।