


बीकानेर. प्रदेश में भले ही सरसों और चना की सरकारी खरीद समर्थन मूल्य पर शुरू हो चुकी हो, लेकिन बीकानेर जिले के किसान अभी भी परेशान हैं। यहां सरकारी खरीद अब तक शुरू नहीं हो पाई है, जिससे किसान अपनी उपज को बाजार में औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं।
दरअसल, जिले में माल तुलाई और गोदाम में भंडारण के लिए जारी की गई निविदा में 59 फर्मों ने भाग लिया था। लेकिन कुछ ठेकेदारों ने निविदा प्रक्रिया के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी, जिस पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और अगली सुनवाई 23 अप्रैल तय की। इसके चलते खरीद की प्रक्रिया अटक गई है।
इधर, सहकारी समिति रजिस्ट्रार की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की कवायद शुरू कर दी गई है। सहकारी समितियों से हैंडलिंग व परिवहन की व्यवस्था अपने स्तर पर करने के प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। इन्हें जिला कलेक्टर के माध्यम से राजफैड को भेजा जाएगा, ताकि खरीद जल्द शुरू हो सके।
सरकारी खरीद शुरू नहीं होने का सीधा असर मंडियों में खुली बोली के भावों पर पड़ा है। जिन जिलों में खरीद शुरू हो गई है, वहां चना और सरसों के अच्छे दाम मिल रहे हैं। लेकिन बीकानेर मंडी में किसान कम दाम पर उपज बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके पास सुरक्षित भंडारण की सुविधा नहीं है।
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अधिकारियों को पहले सतर्क रहना चाहिए था:
जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ बीकानेर, शंभूसिंह राठौड़ ने कहा कि अधिकारियों को पहले ही कानूनी सलाह लेकर काम करना चाहिए था। देरी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

पूर्व में हो चुकी है धांधली:
गौरतलब है कि पूर्व में मूंगफली की खरीद में हैंडलिंग और परिवहन से जुड़े ठेकेदारों पर धांधली के आरोप लगे थे। वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें किसानों से अतिरिक्त वसूली और तय से ज्यादा माल तौलने के मामले सामने आए थे। इसके बाद सरकार ने निविदा शर्तों में बदलाव किया।
मुख्यमंत्री ने की थी शुरुआत:
चना और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद की शुरुआत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने श्रीगंगानगर मंडी से की थी। इसके बाद 10 अप्रैल से प्रदेशभर में खरीद शुरू हो गई थी, लेकिन बीकानेर में अब तक शुरू नहीं हो सकी है, जिससे किसानों में नाराजगी है।
राज्य सरकार का पक्ष:
अतिरिक्त रजिस्ट्रार, कॉपरेटिव सोसायटी बीकानेर, राजेश टाक ने कहा कि सरकार ने निविदा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए बदलाव किए थे। कोर्ट के स्टे के कारण बीकानेर में खरीद शुरू नहीं हो सकी, लेकिन विकल्पों पर तेजी से काम हो रहा है और जल्द समाधान की उम्मीद है।