वसुंधरा राजे ने उठाई पेयजल संकट पर आवाज, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ जिले के रायपुर कस्बे में पेयजल संकट को लेकर अधिकारियों पर जमकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अधिकारियों से पाई-पाई का हिसाब मांगा और कहा कि योजनाएं कागजों में नहीं, जमीन पर नजर आनी चाहिए। राजे ने अफसरों से पूछा – “क्या सिर्फ अफसरों को प्यास लगती है, जनता को नहीं?”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए 42 हजार करोड़ रुपये जल जीवन मिशन के तहत राज्य में खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अफसर सही ढंग से क्रियान्विति नहीं कर रहे। राजे ने चेतावनी दी कि ऐसा झालावाड़ में नहीं चलेगा।
“धैर्य की परीक्षा मत लीजिए”
अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट राजे ने आगे कहा – “लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। अप्रैल में ये हाल है तो जून-जुलाई में क्या होगा?” उनकी सख्ती ने प्रशासन में खलबली मचा दी।
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कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री के इस तीखे तेवर पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर हमला बोला।
कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने एक्स पर लिखा –
“पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी ही पार्टी की सरकार में पानी जैसी बुनियादी समस्या के लिए मीडिया और सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ रहा है, ये भाजपा सरकार की विफलता को दर्शाता है। जब राजे खुद बेबस हैं तो आमजन की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।”
प्रताप खाचरियावास का तंज
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी इस मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा –
“अब तो खुद वसुंधरा राजे कह रही हैं कि जनता परेशान है और अफसर सो रहे हैं। भजनलाल सरकार को अब जाग जाना चाहिए।”
पूर्व मुख्यमंत्री के इस दौरे और बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं, वहीं भाजपा के भीतर भी इस पर मंथन शुरू हो गया है।