


19 मार्च 2025 की सुबह अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर लौटते समय एक ऐसा क्षण आया जब हर किसी की धड़कनें तेज हो गईं। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी बुच विल्मोर और दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ नौ महीने के लंबे अंतरिक्ष प्रवास के बाद घर लौट रही थीं। स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से पृथ्वी तक ला रहा था, अपनी 17 घंटे की यात्रा में उस पड़ाव पर पहुंच चुका था जहां स्थितियां अनिश्चित हो गईं। करीब 10 मिनट के लिए नासा का मिशन कंट्रोल केंद्र कैप्सूल से संपर्क खो बैठा, और यह आग के गोले में तब्दील हो गया। लेकिन विज्ञान और तकनीक के भरोसे इस कठिन क्षण को पार किया गया और सभी सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए।
तकनीकी खराबी के कारण आईएसएस में रुकना पड़ा
सुनीता विलियम्स का यह मिशन 5 जून 2024 को शुरू हुआ था, जब वह बोइंग स्टारलाइनर के पहले मानव मिशन पर आईएसएस के लिए रवाना हुई थीं। यह मिशन केवल आठ दिनों का होना था, लेकिन स्टारलाइनर में हीलियम रिसाव और थ्रस्टर्स की विफलता जैसी तकनीकी खामियों के कारण यह यात्रा नौ महीने लंबी हो गई। नासा ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उनकी वापसी के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल का उपयोग करने का निर्णय लिया।
18 मार्च 2025 को भारतीय समयानुसार रात 10:35 बजे, ड्रैगन कैप्सूल आईएसएस से अलग हुआ और पृथ्वी की ओर बढ़ चला। वापसी की यह यात्रा चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरी थी। जैसे ही कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ, उसकी गति 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। वायुमंडलीय घर्षण के कारण बाहरी सतह का तापमान 3,500 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ गया, जिससे यह आग के गोले जैसा दिखने लगा। हालांकि, अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह सुरक्षित थे क्योंकि कैप्सूल की विशेष हीट शील्ड ने इस तापमान को सहन कर लिया।
दस मिनट का सन्नाटा
कैप्सूल जब पृथ्वी के घने वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था, तब प्लाज्मा के निर्माण के कारण नासा के मिशन कंट्रोल से उसका संपर्क टूट गया। करीब 10 मिनट तक कोई सिग्नल नहीं मिला, जिससे वैज्ञानिकों और मिशन कंट्रोल में चिंता बढ़ गई। क्या कैप्सूल सही दिशा में था? क्या सभी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित थे? इस दौरान किसी के पास कोई जवाब नहीं था।
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सुरक्षित वापसी और मिशन की सफलता
ब्लैकआउट खत्म होते ही मिशन कंट्रोल को कैप्सूल का सिग्नल मिला और राहत की लहर दौड़ पड़ी। ड्रैगन कैप्सूल ने अपने पैराशूट खोले और धीरे-धीरे फ्लोरिडा तट के पास समुद्र में उतर गया। रिकवरी टीम ने तुरंत अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकाला। सुनीता विलियम्स, जिन्होंने अपने करियर में कई स्पेसवॉक किए और सैकड़ों घंटे अंतरिक्ष अनुसंधान में बिताए, एक बार फिर सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आईं।
यह केवल एक तकनीकी चुनौती नहीं थी, बल्कि मानव साहस, विज्ञान की शक्ति और दृढ़ संकल्प का उदाहरण था। सुनीता विलियम्स की यह वापसी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो असंभव को संभव बनाने का सपना देखते हैं।