


शिक्षा विभाग के निर्देश: पुस्तकों और यूनिफॉर्म की खरीद पर नियंत्रण
राजस्थान के शिक्षा विभाग ने गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि पुस्तकों, यूनिफॉर्म एवं अन्य सामान के विक्रय के लिए विभागीय दिशा निर्देशों की पालना की जाए। आगामी शिक्षा सत्र को देखते हुए निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर एक ही दुकान से यूनिफॉर्म एवं पुस्तकों की खरीद के लिए दबाव नहीं डाल सकेंगे। अगर किसी अभिभावक ने स्कूल संचालक की शिकायत कर दी, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
विभागीय दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य
गौरतलब है कि शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर एक ही विक्रेता से पुस्तकें, यूनिफॉर्म, जूते एवं जुराब आदि खरीदने के लिए दबाव डालते हैं। ऐसे में अभिभावक भी स्कूल संचालक की बताई दुकान से ही इन वस्तुओं की मजबूरन खरीदारी करते हैं। ऐसी शिकायतों को देखते हुए अब शिक्षा विभाग ने गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि पुस्तकों, यूनिफॉर्म एवं अन्य सामान के विक्रय के लिए विभागीय दिशा निर्देशों की पालना की जाए।
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नियमावली की अवहेलना पर होगी कार्रवाई

इतना ही नहीं, पुस्तकों की सूची मय प्रकाशक व विक्रेताओं के नाम विद्यालय की वेबसाइट तथा सूचना पटल पर नियमानुसार प्रदर्शित की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. रामगोपाल शर्मा ने बताया कि वर्तमान सत्र की समाप्ति तथा नए सत्र के प्रारंभ पर यदि किसी निजी शिक्षण संस्थान ने एक ही पुस्तक विक्रेता से पुस्तक क्रय करने के लिए अभिभावकों पर दबाव डाला या पाबंद किया अथवा नियमानुसार पुस्तक विक्रेता के नाम शाला की वेबसाइट तथा सूचना पटल पर प्रकाशित नहीं किए, तो इसे विभागीय नियमावली की अवहेलना समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में संबंधित संस्था के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
नोडल अधिकारी की नियुक्ति
जिले के निजी विद्यालयों की ओर से दिशा-निर्देशों की पालना एवं पर्यवेक्षण के लिए राउमावि हाडला भाटियान के प्रधानाचार्य शिवशंकर को पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है।