बीकानेर समाचार: इंदिरा गांधी नहर से सिंचाई के लिए पानी की कमी, गेहूं की फसल संकट में
फरवरी माह के लिए राजस्थान को केवल पेयजल के लिए इंदिरा गांधी नहर से 3000 क्यूसेक पानी देने की मंजूरी दी गई है, लेकिन सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति न होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसके बाद राजस्थान के 15 जिलों के किसान अब अपनी गेहूं की फसल के लिए परेशान हो गए हैं।
इस साल मानसून की कमजोर बारिश और भाखड़ा व पौंग बांध के जलस्तर में कमी के कारण राजस्थान के पानी के हिस्से में कटौती की गई है। इसके कारण इंदिरा गांधी नहर से सिंचाई के लिए पानी बंद कर दिया गया है। बीबीएमबी की बैठक में निर्णय लिया गया कि इंदिरा गांधी नहर से केवल 3000 क्यूसेक पानी पेयजल के लिए मिलेगा, जबकि सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है। इसके अलावा, गंग कैनाल को 1400 क्यूसेक, भाखड़ा को 850 क्यूसेक, सिद्धमुख नोहर को 500 क्यूसेक और खारा प्रणाली की नहरों को 200 क्यूसेक पानी मिलेगा।
इंदिरा गांधी नहर हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर सहित 15 जिलों के किसानों के लिए पानी का मुख्य स्रोत है। इस निर्णय के बाद किसानों को गेहूं की फसल की सिंचाई के लिए कठिनाई हो सकती है। फरवरी में गेहूं की पकाई के लिए नहरी पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन अब सिंचाई के वैकल्पिक साधनों को लेकर किसानों में असमंजस है।
- Advertisement -
किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही सिंचाई जल की व्यवस्था नहीं की गई, तो गेहूं और अन्य फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से जल प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों को खोजने और पानी की आपूर्ति को जल्द बहाल करने की मांग की है।