भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की। इस सूची में साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। यह फैसला विवादों में घिर गया है, क्योंकि साध्वी ऋतंभरा बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में एक प्रमुख आरोपी रही हैं।
पद्म पुरस्कार 2025
- पद्म विभूषण: 7
- पद्म भूषण: 19
- पद्म श्री: 113
साध्वी ऋतंभरा का बयान
- “मुझे सबसे बड़ा पुरस्कार तभी मिल गया था, जब 22 जनवरी को रामलला राम मंदिर में विराजे थे।”
प्रतिक्रियाएं
- नितिन गडकरी (केंद्रीय मंत्री): “साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण मिलना हर्ष की बात है। राम जन्मभूमि आंदोलन में उनका योगदान अतुलनीय है।”
- प्रशांत भूषण (वरिष्ठ वकील): “मोदी सरकार ने पद्म पुरस्कारों को राजनीतिक तमाशा बना दिया है।”
- राजदीप सरदेसाई (पत्रकार): “साध्वी ऋतंभरा ने बाबरी विध्वंस में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कृत्य बताया है।”
साध्वी ऋतंभरा का इतिहास
- जन्म: पंजाब के गरीब मंडी दौराहा गांव में एक निचली जाति के परिवार में।
- राम मंदिर आंदोलन: 1990 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन का प्रमुख चेहरा।
- बाबरी विध्वंस: 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय मंच पर मौजूद।
- मुकदमा: विध्वंस और दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा चला, लेकिन 2020 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
पद्म पुरस्कार के बारे में
- शुरुआत: 1954 में
- श्रेणियां: पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री
- उद्देश्य: कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान को सम्मानित करना।
- चयन प्रक्रिया: प्रधानमंत्री द्वारा गठित समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदन।