USA Exit From WHO: ट्रंप का ऐतिहासिक कदम, अमेरिका ने WHO से अलग होने का किया ऐलान
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अमेरिका को अलग करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। ट्रंप के अनुसार, यह निर्णय अगले 12 महीनों में लागू हो जाएगा। इसके साथ ही अमेरिका अब WHO को वित्तीय सहायता देना भी बंद कर देगा।
WHO पर भारी पड़ेगा अमेरिका का फैसला
डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम का मतलब है कि अब संयुक्त राज्य अमेरिका WHO को छोड़ देगा और इससे जुड़ी वित्तीय सहायता भी पूरी तरह बंद कर देगा। अमेरिका अब तक WHO का सबसे बड़ा वित्तीय सहायक रहा है, जो इसके कुल बजट का लगभग 18% योगदान करता था।
- WHO का बजट: 2024-2025 के लिए WHO का बजट 6.8 बिलियन डॉलर है।
- अमेरिका का योगदान: अमेरिका इस बजट में प्रमुख हिस्सेदारी निभाता था, लेकिन अब यह सहयोग खत्म हो जाएगा।
फैसले की वजह क्या है?
डोनाल्ड ट्रंप ने WHO से अलग होने का कारण संगठन के कुप्रबंधन को बताया। उनका कहना है कि:
- WHO ने कोरोना वायरस (COVID-19) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकटों को प्रभावी तरीके से नहीं संभाला।
- संगठन, सदस्य देशों के राजनीतिक प्रभाव में आकर कार्य करता है और निष्पक्षता बनाए रखने में विफल रहा है।
- अमेरिका से अनावश्यक रूप से भारी वित्तीय योगदान की मांग की गई, जबकि अन्य बड़े देश जैसे चीन, अपेक्षाकृत कम योगदान दे रहे हैं।
ट्रंप ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा,
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“WHO ने अमेरिका को ठगा है। हर कोई अमेरिका को ठगता है। WHO सदस्य देशों के दबाव में काम करता है और अमेरिका को केवल एक वित्तीय साधन मानता है। यह अस्वीकार्य है।”
WHO की प्रतिक्रिया
ट्रंप के इस फैसले पर अभी तक WHO की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से WHO पर वित्तीय दबाव बढ़ेगा और स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था और WHO के संचालन पर गहरी छाप छोड़ सकता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और स्वास्थ्य सहयोग के क्षेत्र में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।