भरतपुर: दुष्कर्म पीड़िता की आत्महत्या से मचा हड़कंप, पुलिस और सरकार पर उठे सवाल
भरतपुर के उच्चैन थाना क्षेत्र में एक दुष्कर्म पीड़िता द्वारा आत्महत्या करने की घटना ने प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा दिया है। पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे पीड़िता को बार-बार मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।
पीड़िता के पति ने आरोप लगाया कि दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की, लेकिन उसमें से तीन आरोपियों के नाम हटा दिए गए। इसके बाद से आरोपी पीड़िता को लगातार परेशान कर रहे थे। परिजनों ने पुलिस को कई बार शिकायत की, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस की निष्क्रियता और आरोपियों की धमकियों से तंग आकर पीड़िता ने आत्महत्या कर ली।
पूर्व सीएम की कड़ी प्रतिक्रिया
इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री के गृह जिले में घटित शर्मनाक घटना बताया। गहलोत ने लिखा, “राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। यह सरकार और पुलिस की विफलता है।”
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पुलिस का बयान
भरतपुर पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, जो अब न्यायिक हिरासत में है। आत्महत्या के मामले में भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और हर पहलू पर गहराई से अनुसंधान किया जाएगा।
परिजनों का दर्द
पीड़िता के पति ने कहा, “अगर पुलिस ने समय रहते सभी आरोपियों पर कार्रवाई की होती, तो आज मेरी पत्नी जिंदा होती। पुलिस ने एफआईआर से तीन नाम हटाकर आरोपियों को खुला छोड़ दिया, जिससे वे मेरी पत्नी को बार-बार प्रताड़ित करते रहे।”