संभल हिंसा के बाद पुलिस ने मामले में प्रमुख आरोपी मुल्ला अफरोज को गिरफ्तार किया है। अफरोज पर जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में शामिल होने और बिलाल व अयान की हत्या करने का आरोप है। पुलिस जांच में सामने आया है कि अफरोज ने दुबई से संचालित शारिक साटा गिरोह के इशारे पर इस हिंसा को अंजाम दिया।
नेताओं की साजिश और हत्या की योजना
मुल्ला अफरोज ने पूछताछ में खुलासा किया कि 24 नवंबर को उसे शारिक साटा ने एक एप के जरिए संदेश भेजा था। साटा ने निर्देश दिया कि “नेता भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं और पूरी हरी झंडी दे दी गई है। पुलिसकर्मियों और आम लोगों में से 10-20 को मार दो। इससे प्रशासन डर जाएगा और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।”
हथियारों की आपूर्ति और गिरोह का नेटवर्क
अफरोज ने बताया कि शारिक साटा गिरोह विदेश से हथियार भेजता है और उनकी डिलीवरी भारत के अलग-अलग राज्यों में होती है। दुबई में बैठे साटा ने इस हिंसा के लिए विशेष रूप से हथियार भेजे थे। अफरोज ने हिंसा के दौरान बिलाल और अयान पर गोली चलाई, जिससे उनकी मौत हो गई।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने अफरोज के पास से हत्या में इस्तेमाल की गई 32 बोर की पिस्टल और 15 खाली कारतूस बरामद किए हैं। अफरोज ने यह भी बताया कि वह गिरोह के लिए लग्जरी कार चोरी कर उन्हें नेपाल और अन्य राज्यों में भेजता था।
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पत्थरबाजों की गिरफ्तारी
हिंसा में शामिल पत्थरबाजों के खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की। कोतवाली क्षेत्र से नौ पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने उपद्रव के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने हिंसा के दौरान लिए गए फोटो और वीडियो के आधार पर इनकी पहचान की।
शारिक साटा गिरोह का विदेशी कनेक्शन
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शारिक साटा गिरोह का संचालन दुबई से होता है। इस गिरोह के तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से जुड़े होने की संभावना है।
मुल्ला अफरोज पर दर्ज हैं कई मुकदमे
प्रारंभिक जांच में पता चला कि मुल्ला अफरोज के खिलाफ हत्या, डकैती, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे नौ गंभीर मामले पहले से दर्ज हैं।
पुलिस का बयान
“शारिक साटा गिरोह ने इस हिंसा को अंजाम देने के लिए हथियार मुहैया कराए। हिंसा में राजनीतिक साजिश के भी सबूत मिले हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है।”
– कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी, संभल