राजस्थान में उच्च शिक्षा के लिए बड़ा बदलाव: सभी विश्वविद्यालयों में समान पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली लागू होगी।
बीकानेर।
राजस्थान के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे 35 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत शिक्षा प्रणाली को एकरूप बनाने और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में बड़ा बदलाव किया जा रहा है।
राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों में समान पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली और डिग्री प्रारूप तैयार करने के लिए एक चार-सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित भी शामिल हैं।
क्या होंगे बदलाव?
- समान डिग्री और मार्कशीट प्रारूप:
सभी विश्वविद्यालयों में डिग्री और मार्कशीट का डिजाइन और प्रारूप समान होगा। - पढ़ाई में पोर्टेबिलिटी सुविधा:
विद्यार्थी कोर्स के बीच में भी एक विश्वविद्यालय से दूसरे में स्थानांतरित हो सकेंगे। - माइग्रेशन से मुक्ति:
माइग्रेशन सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म होगी, और विद्यार्थियों का डेटा डिजी लॉकर और अपार आईडी में सुरक्षित रहेगा। - दोहरी डिग्री की अनुमति:
विद्यार्थी एक साथ दो डिग्री कोर्स कर सकेंगे। - रुचि आधारित शिक्षा:
साइंस, आर्ट्स, और अन्य कोर्स के बीच पसंद के विषयों को चुनने की स्वतंत्रता होगी।
स्वयंपाठी विद्यार्थियों पर असर:
राजस्थान के विश्वविद्यालयों में करीब 35 लाख विद्यार्थियों में से 15-20 लाख स्वयंपाठी (Self-study Students) हैं। नई व्यवस्था के तहत, स्वयंपाठी विद्यार्थियों के लिए भी विशेष योजनाएं तैयार की जाएंगी।
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विशेष लाभ:
- फर्जीवाड़े पर रोक:
निजी विश्वविद्यालयों द्वारा केवल डिग्री जारी करने जैसी समस्याओं पर रोक लगेगी। - समय की बचत:
डिग्री वेरीफिकेशन, माइग्रेशन, और डुप्लीकेट दस्तावेजों के लिए चक्कर लगाने की परेशानी खत्म होगी। - अधुनिक शिक्षा प्रणाली:
विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चयन कर सकेंगे।
NEP को लागू करने की चुनौतियां:
NEP को लागू करने में समान स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट की कमी सबसे बड़ी चुनौती है। कमेटी ने इसके लिए सुझाव दिया है कि राज्य में स्टेट यूनिवर्सिटी यूनिफाइड एक्ट बनाया जाए।
कमेटी का कार्य:
NEP को प्रभावी तरीके से लागू करने और समानता और समरूपता लाने के लिए कमेटी काम कर रही है।
– आचार्य मनोज दीक्षित, कुलपति, एमजीएसयू बीकानेर (कमेटी सदस्य)
नया स्वरूप:
- सभी विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली समान होगी।
- विद्यार्थी अपनी पसंद के अनुसार विषय चुन सकेंगे।
- डिजिटल डेटा सुरक्षित रहेगा।
- फर्जी विश्वविद्यालयों पर रोक लगेगी।