साइबर ठगी का जाल: पीड़ितों के साथ उनके बैंक खाते में रकम आने वाले लोग भी परेशान
अलवर: साइबर ठग न केवल ठगी का शिकार बना रहे हैं, बल्कि उन लोगों को भी परेशान कर रहे हैं जिनके बैंक खातों में ठगी की रकम डाली गई है। ठगों की ठगी का पैसा जिन खातों में जाता है, वे खाते पुलिस द्वारा सीज किए जा रहे हैं।
बैंक खाते सीज होने से व्यापारी और आमजन दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। साविंग अकाउंट में ठगी की रकम का एक रुपया भी आने पर पूरा खाता सीज हो रहा है। वहीं, करंट अकाउंट में केवल ठगी की रकम ब्लॉक की जाती है।
साइबर ठगी के तरीके और प्रभावित क्षेत्र
मेवात के ठग देशभर के राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, सिक्किम आदि में लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। वे ठगी की रकम को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर शॉपिंग और ऐशो-आराम में खर्च कर रहे हैं।
अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ठगी की रकम ट्रांसफर किए जाने के कारण बैंक खाते सीज हो रहे हैं। पीड़ित को अपनी समस्या के समाधान के लिए पुलिस और बैंक के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं।
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प्रमुख मामले:
- होटल व्यवसायी का खाता सीज:
अलवर के एक होटल व्यवसायी का खाता आंध्रप्रदेश पुलिस ने सीज कर दिया। उनके खाते में 16,000 रुपये ठगी की रकम ट्रांसफर हुई थी। खाता सीज होने से 82,000 रुपये भी ब्लॉक हो गए। - चायवाले का क्यूआर कोड:
एक चाय की दुकान चलाने वाले युवक के खाते में किसी ने 100 रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उसका खाता सीज कर दिया।
पुलिस का बयान:
पुलिस अधीक्षक संजीव नैन ने बताया कि जिन लोगों के खाते सीज हो रहे हैं, उनकी मदद के लिए संबंधित राज्यों की पुलिस से संपर्क किया जा रहा है।
समाधान के लिए:
- पीड़ित को एफआईआर दर्ज करानी चाहिए।
- बैंक और पुलिस से संपर्क करके सीज खाते को चालू कराने का प्रयास करना चाहिए।