सावधान: राजस्थान में स्वाइन फ्लू का पीक सीजन, स्वास्थ्य विभाग सतर्क, गाइडलाइन जारी
सीकर। राजस्थान में तापमान में अचानक हो रहे उतार-चढ़ाव के चलते स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ने की आशंका है। सीकर में स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। जनवरी के दूसरे पखवाड़े में स्वाइन फ्लू का पीक सीजन आने की संभावना है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
गाइडलाइन में क्या है शामिल:
- ओपीडी और आईपीडी में अलग व्यवस्था: संदिग्ध मरीजों के लिए विशेष वार्ड।
- आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था: गंभीर मरीजों के लिए अलग वार्ड।
- संक्रमण रोकथाम प्रोटोकॉल: वार्डों में सख्त नियम लागू।
- सावधानी के उपाय:
- मास्क पहनें।
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- छींकते और खांसते समय मुंह ढकें।
- सर्दी-जुकाम के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें।
तापमान में बदलाव से बढ़ रहा है खतरा:
स्वाइन फ्लू के लक्षणों में गले में खराश, जुकाम, बुखार और श्वसन तंत्र की परेशानी शामिल हैं। शुरुआती इलाज न मिलने पर संक्रमण फेफड़ों तक पहुंचकर निमोनिया का रूप ले सकता है। सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच निशुल्क होती है।
जनवरी का दूसरा पखवाड़ा पीक सीजन:
चिकित्सकों के अनुसार स्वाइन फ्लू का संक्रमण सबसे अधिक जनवरी के दूसरे पखवाड़े में होता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, बच्चों और हाईरिस्क समूह के मरीजों को वार्षिक इन्फ्लूएंजा टीका लगवाने की सलाह दी गई है।
चिकित्सकों का बयान:
डॉ. मुकेश वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिकल कॉलेज, सीकर ने कहा, “तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जागरूकता से खतरा कम हुआ है, लेकिन हाईरिस्क समूह में विशेष सतर्कता जरूरी है।”
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निष्कर्ष: स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सतर्कता बरतें, मास्क का उपयोग करें, और टीकाकरण करवाना न भूलें।