जयपुर: राज्य सरकार ने बिजली कंपनियों के निजीकरण को लेकर अपनी नीति स्पष्ट कर दी है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है और कर्मचारियों को इस मुद्दे पर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ राज्य हित में एमओयू किए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और कार्मिकों के सहयोग से इस दिशा में काम कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि बिजली वितरण तंत्र को मजबूत करने के लिए आरडीएसएस योजना के तहत 8 हजार करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध है, लेकिन प्रदेश की जरूरतें इससे कहीं अधिक हैं।
हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल का जिक्र
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि डिस्कॉम्स की वित्तीय स्थिति को देखते हुए हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल जैसे नवाचार अपनाए जा रहे हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। यह मॉडल देश में राजमार्ग निर्माण में भी अपनाया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है।
शिशु पालना घर का लोकार्पण
राममंदिर स्थित ओल्ड पावर हाउस में जयपुर डिस्कॉम के पहले शिशु पालना घर का लोकार्पण किया गया। 55 लाख रुपये की लागत से निर्मित इस पालना घर में महिला कर्मियों के बच्चों की देखभाल के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिसमें केयर टेकर, आंगतुक कक्ष, रसोई घर, फीडिंग रूम और पोषण आहार शामिल हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इससे महिला कर्मी निश्चिंत होकर काम कर सकेंगी और कार्यक्षमता में सुधार होगा।