

बच्चों के लिए खुशखबरी:
अब राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सप्ताह में एक दिन अपनी पसंद का भोजन मिलेगा। मिड डे मील आयुक्त ने इस नई व्यवस्था के तहत स्कूल प्रबंधन को सप्ताह में एक दिन तय मेन्यू से अलग भोजन परोसने की छूट दी है। यह फैसला बच्चों को अधिक उत्साहित और पोषण युक्त भोजन प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
मिड डे मील का मौजूदा मेन्यू:
- सोमवार और शनिवार: सब्जी-रोटी
- बुधवार और शुक्रवार: दाल-रोटी
- मंगलवार: दाल-चावल
- गुरुवार: खिचड़ी
इस नई पहल के तहत, गुरुवार को बच्चों को फल भी दिए जाएंगे। पहले यह व्यवस्था किसी भी एक दिन होती थी, लेकिन अब इसे गुरुवार को अनिवार्य कर दिया गया है।
बच्चों की पसंद का दिन:
स्कूल प्रबंधन को अधिकार दिया गया है कि वे स्थानीय मांग और बच्चों की पसंद के अनुसार एक दिन विशेष भोजन परोसें। इससे बच्चों को अपने पसंदीदा खाने का आनंद लेने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी भागीदारी और रुचि बढ़ेगी।
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कुक के लिए मानदंड तय:
आयुक्त ने कुक और हेल्पर्स की नियुक्ति के लिए भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

- 50 बच्चों तक: 1 कुक
- 51-150 बच्चों तक: 2 कुक
- 400 बच्चों तक: 3 कुक
- 400 से अधिक छात्रों पर प्रत्येक 150 बच्चों के लिए 1 अतिरिक्त कुक
कुक और हेल्पर्स को हर महीने ₹2143 का मानदेय दिया जाएगा, जो अधिकतम 10 महीने तक मिलेगा।
बिकानेर से खास खबर:
यह बदलाव राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों में लागू होगा, जिससे बच्चों को उनके पोषण के साथ-साथ उनकी पसंद का ध्यान रखने का भी प्रयास किया गया है।
निष्कर्ष:
यह पहल बच्चों को पोषण और स्वाद दोनों प्रदान करने का एक बेहतरीन कदम है। इससे बच्चों में मिड डे मील के प्रति रुचि बढ़ेगी और उनकी सेहत में सुधार होगा।