


राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें अधिकतम 30 दिन तक जोधपुर के भगत की कोठी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती रहने की अनुमति दी है।
न्यायाधीश दिनेश मेहता और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में आसाराम की ओर से उनके अधिवक्ता आरएस सलूजा ने दलील पेश की कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, और उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में विशेष देखभाल की आवश्यकता है। अधिवक्ता ने अनुरोध किया कि उन्हें अधिक समय तक अस्पताल में रखने की अनुमति प्रदान की जाए।
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक चौधरी ने जवाब दिया कि अस्पताल में भर्ती की अवधि अनिश्चित नहीं होनी चाहिए और इसे अधिकतम 30 दिन तक सीमित रखना चाहिए।

कोर्ट ने इस सुझाव को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि आसाराम को 30 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है, जिसके बाद उन्हें वापस जेल में भेजा जाएगा। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि किसी भी पैथोलॉजिकल या रेडियोलॉजिकल जांच के लिए उन्हें बासनी क्षेत्र के एक निजी अस्पताल ले जाया जाए, और इसके सभी खर्चे आसाराम स्वयं उठाएंगे।
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आसाराम के स्वास्थ्य की शिकायत पर गुरुवार को एम्स में जांच करवाई गई, जिसमें यूरिन संक्रमण की समस्या का निदान किया गया। एम्स में यूरोलॉजी और गेस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने उनका परामर्श किया, जिसके बाद उन्हें वापस जेल में ले जाया गया।