


सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है, जो अब पहले की तरह अपनी शिक्षा प्रक्रिया जारी रख सकेंगे।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि मदरसा एक्ट संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्णय उचित नहीं था, और मदरसा एक्ट भारतीय संविधान के अनुरूप है।

इस फैसले से मदरसों की मान्यता और संचालन पहले की तरह जारी रह सकेगा और लगभग 17 लाख छात्रों को इस निर्णय से राहत मिली है। यूपी में लगभग 23,500 मदरसों में से 16,513 मदरसे रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 560 को सरकारी सहायता प्राप्त है।