शुक्रवार को तिरुचिरापल्ली-शारजाह की एयर इंडिया की फ्लाइट बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गई। इस दौरान करीब ढाई घंटे तक विमान में बैठे 140 यात्रियों की सांसें अटकी रहीं, लेकिन पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया।
विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी का संकेत मिलने के बाद पायलट ने विमान को करीब ढाई घंटे हवा में ही रखा और ढाई घंटे बाद विमान को वापस सुरक्षित तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर उतार लिया।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट एएक्सबी 613 ने शुक्रवार शाम 5.40 बजे तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट से शारजाह के लिए उड़ान भरी। एयर इंडिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जब बोइंग 737-800 विमान ने टेक ऑफ किया, तो उसका लैंडिंग गीयर सही तरीके से काम कर रहा था। लेकिन पायलट ने कॉकपिट मास्टर पर देखा कि विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में कुछ खराबी का संकेत मिला है।
हाइड्रोलिक सिस्टम में विमान के पहिए और उनका पूरा मैकेनिज्म शामिल होता है। विमान के सेंसर्स से पता चला कि हाइड्रोलिक सिस्टम में ईंधन ओवरफ्लो हुआ है। पायलट ने समझा कि अगर लैंडिंग के वक्त हाइड्रोलिक सिस्टम ने सही तरीके से काम नहीं किया तो बड़ा हादसा हो सकता है।
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हालांकि बोइंग के 737-800 विमान में तकनीकी दिक्कतों से निपटने की सुविधाएं हैं, लेकिन पायलट ने खतरा उठाना सही नहीं समझा और तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर ही उतरने का फैसला किया। उन्होंने विमान को तुरंत लैंड कराने के बजाय सूझबूझ से काम लेते हुए करीब ढाई घंटे तक विमान को तिरुचिरापल्ली शहर के ऊपर ही हवा में रखा। इससे विमान का ईंधन कम हुआ और ओवरफ्लो होने की आशंका कम हो गई।
आपात स्थिति से निपटने के लिए रनवे पर मैनुअल अंडरकैरिएज तैनात कर दिया गया ताकि अगर हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी आए और विमान के पहिए नहीं खुल पाए तो उसे सुरक्षित लैंड कराया जा सके।
पायलट ने एयरपोर्ट अधिकारियों को हालात की जानकारी दी थी, जिसके बाद एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई। फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की कई गाड़ियां रनवे पर तैनात कर दी गईं। जैसे ही विमान ने रात करीब 8.15 बजे सुरक्षित तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग की, तो विमान में सवार 140 यात्रियों के साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने भी चैन की सांस ली। सोशल मीडिया पर भी पायलट की सूझबूझ की खूब तारीफ हो रही है।

