


बीटेक में टॉप करने वाला सोहेल अकरम ‘डिजिटल अरेस्ट’ नामक ठगी गैंग का मास्टरमाइंड निकला। पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने सिर्फ चार महीनों में 4 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। इस गैंग के सदस्य खुद को सीबीआई, ईडी, या पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को फर्जी गिरफ्तारी के डर से ठगते थे। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस गिरोह पर शिकंजा कसते हुए मास्टरमाइंड सोहेल अकरम सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
सोहेल अकरम ने चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की थी, और वह कॉलेज का टॉपर था। वह दिल्ली और गुरुग्राम में अपनी कंपनियों के माध्यम से इस ठगी गैंग को चला रहा था। गैंग फर्जी दस्तावेजों से बैंक खाते और सिम कार्ड खुलवाता था, जिनके जरिए ठगी की रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया जाता था और फिर निकाला जाता था।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि इस गैंग ने रेलवे के सेवानिवृत्त मुख्य टिकट निरीक्षक नईम बेग को डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर 15 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने इस मामले में तेजी से जांच करते हुए सिकंदरा के फैक्टरी एरिया से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार हुए आरोपियों में मोहम्मद राजा रफीक, मोहम्मद दानिश, मोहम्मद कादिर, और गैंग का मास्टरमाइंड मोहम्मद सोहेल शामिल हैं।

जांच में खुलासा हुआ कि एक ही दिन में आरोपियों ने 2.70 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर निकाल लिए थे। इन खातों को मजदूर वर्ग के लोगों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों से खुलवाया गया था। कॉल करने के लिए इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड भी फर्जी आईडी से लिए गए थे, जिनका इस्तेमाल व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए धमकाने के लिए किया जाता था।
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गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस ने 1 लैपटॉप, 1 मैकबुक, 2 कीपैड मोबाइल, 5 स्मार्टफोन, और 2 आईफोन बरामद किए हैं। इसके साथ ही फर्जी नियुक्तिपत्र और गिरफ्तारी प्रपत्र भी बरामद किए गए हैं।