


अमेठी हत्याकांड: शिक्षक और परिवार के शवों की वापसी पर गांव में छाया मातम
अमेठी में शिक्षक सुनील, उनकी पत्नी पूनम और दो छोटे बच्चों की हत्या के बाद, सभी चार शवों का पोस्टमार्टम किया गया और फिर उन्हें रायबरेली के पैतृक आवास पर लाया गया। इस घटना के चलते गांव के हर व्यक्ति की आंखें आंसुओं से भर गईं।
रायबरेली के सुदामापुर गांव में शुक्रवार का दिन अत्यंत दुखदायी बन गया। जब कफन में लिपटे शव गांव पहुंचे, तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं। चीत्कारें गूंज उठीं, और आंसुओं के सैलाब में विलाप करने वाले पिता राम गोपाल और मां राजवती की दयनीय स्थिति ने सभी का मन मस्तिष्क हिला दिया।
वहां मौजूद सभी व्यक्तियों की आंखों में आंसू थे, और चार शवों ने सबको गहरे सदमे में डाल दिया। खाकी वर्दी में खड़े पुलिसकर्मी भी इस दृश्य को देखकर दंग रह गए। सीओ डलमऊ, अरुण कुमार नौवहार, पिता राम गोपाल को सांत्वना देते नजर आए। ग्रामीणों के लिए यह घटना एक अभिशाप की तरह थी।
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मौत के बाद के दृश्य कितने भयानक हो सकते हैं, यह सुदामापुर में चार शवों के माध्यम से सभी ने महसूस किया। गांव के हर कोने में इस घटना का दुख जताया जा रहा था, और लोग विधाता से सवाल कर रहे थे कि परिवार को किस गलती की सजा दी जा रही है।
इस बीच, सांसद केएल शर्मा ने गांव का दौरा किया, जहां परिवार और ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लगभग 10:30 बजे जब मृतक शिक्षक और उनके परिवार के शव घर पहुंचे, तो सांसद केएल शर्मा भी वहां मौजूद थे, जिसने स्थिति को और भी संवेदनशील बना दिया।