

दीपक कुमार मीणा की संदिग्ध मौत से परिवार में शोक
21 वर्षीय दीपक कुमार मीणा, जिन्होंने इस साल यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास की थी, की मौत के बाद दौसा जिले के बलीन गांव में शोक का माहौल है। जयपुर से 150 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में दीपक के अस्थि विसर्जन के दौरान उनके माता-पिता बेहद भावुक नजर आए। दीपक की मां चांद बाई और पिता चंदू लाल अपने बेटे की तस्वीर को देखते हुए आंसू नहीं रोक पाए।
दिल्ली में लापता, परिवार ने जताई हत्या की आशंका
दीपक, जो मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए जुलाई में दिल्ली आए थे, 11 सितंबर को लापता हो गए थे। परिवार के अनुसार, 13 सितंबर तक दीपक का फोन बंद हो गया, और कोचिंग संस्थान से संपर्क करने पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला। 14 सितंबर को परिवार को बताया गया कि दीपक पीजी में नहीं लौटे हैं। कुछ दिनों बाद दीपक का शव मिला, और परिवार ने इसे संदिग्ध मानते हुए हत्या की आशंका जताई।
दिल्ली पुलिस की जांच: आत्महत्या या कुछ और?
दिल्ली पुलिस के नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी जीतेंद्र मीणा के अनुसार, दीपक की गूगल और यूट्यूब हिस्ट्री से आत्महत्या से संबंधित सामग्री सर्च की गई थी। मौके पर शराब की बोतल भी मिली थी, जिसे दीपक ने खुद खरीदा था। हालांकि, पुलिस हर संभावित एंगल से जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस ने कहा है कि अब तक कोई स्पष्ट हत्या का सबूत नहीं मिला है, लेकिन जांच जारी है।

कोचिंग संस्थान पर परिवार का आरोप
दीपक के परिवार ने कोचिंग संस्थान पर आरोप लगाया है कि उनके लापता होने के बाद संस्थान ने तलाश में कोई मदद नहीं की। परिवार के परिचितों का कहना है कि दीपक के कई दिनों तक गायब रहने के बावजूद कोचिंग संस्थान ने देरी से सूचना दी। दूसरी ओर, कोचिंग संस्थान ने एक प्रेस रिलीज जारी कर सफाई दी है कि उन्होंने समय पर परिवार को जानकारी दी और सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराई।
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कोचिंग संस्थान का पक्ष
कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस ने 24 सितंबर को जारी प्रेस रिलीज में कहा कि 11 सितंबर के बाद दीपक से संपर्क नहीं हो पा रहा था, और संस्थान ने परिवार को इसकी सूचना दी थी। संस्थान ने यह भी कहा कि दीपक ने कभी किसी तनाव या दबाव की शिकायत अपने मेंटर्स से नहीं की थी। फिलहाल, संस्थान पुलिस जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहा है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।