


अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले तीन महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं, जहां उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
अब दोनों के फ़रवरी 2025 में स्पेसएक्स से धरती पर लौटने की उम्मीद है.
दोनों पाँच जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से इंटरनेशल स्पेस स्टेशन गए थे.
लेकिन इस एयरक्राफ्ट में तकनीकी ख़राबी आ गई और इस वजह से नासा को उन्हें यहाँ लाने में दिक्क़त आ रही है.
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दूसरी ओर, उनके परिवार के सदस्य समेत अमेरिका के लाखों लोग इस घटनाक्रम पर नज़र रखे हुए हैं.
वहीं भारत के गुजरात राज्य में उनके पैतृक गांव झुलासण में लोग उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं.
19 सितंबर को 59 वर्षीय सुनीता विलियम्स का जन्मदिन है और वो इस मौक़े पर उन्हें बधाई दे रहे हैं.
सुनीता विलियम्स के रिश्ते के एक भाई नवीन पंड्या ने कहा, ”हमें नहीं पता कि स्पेस स्टेशन में वो किस हाल में हैं.”
वो कहते हैं, ”कुछ लोग कह रहे हैं कि वो ठीक हैं जबकि कुछ अन्य लोगों का कहना है कि वो सुरक्षित नहीं लौट पाएंगी. वहाँ पर उनके साथ क्या हो रहा है और वो कब और कैसे धरती पर वापस लौटेंगी इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पा रही है.”

क्या है सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव का माहौल
सुनीता विलियम्स का पैतृक गांव झुलासण गुजरात में हैं जो राज्य की राजधानी गांधीनगर से 40 किलोमीटर दूर है.
सात हज़ार की आबादी वाले इस गाँव में अलग-अलग जातियों और समुदायों के लोग रहते हैं.
सुनीता विलियम्स यहां दो बार आई थीं. 2007 और 2013 में. दोनों बार वो यहां अपने अंतरिक्ष अभियानों को पूरा करने के बाद ही आई थीं.
सुनीता विलियम्स के पिता दीपक पंड्या का जन्म इसी गांव में हुआ था.
1957 में वो मेडिकल की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए थे. वहाँ उन्होंने उर्सलीन बोनी से शादी की.
सुनीता इसी दंपती की संतान हैं. सुनीता का जन्म 1965 में हुआ था.
अब जबकि जानी-मानी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेस स्टेशन में फँस गई हैं तो पूरा गाँव उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहा है.