


पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की ओर से भारत के साथ हुए लाहौर समझौते के उल्लंघन की बात स्वीकार करने को लेकर अब विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफ़िंग के दौरान कहा, “आप इस मुद्दे पर हमारी स्थिति से भलीभांति अवगत हैं. हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान में भी अब वास्तवकिता पर आधारित नज़रिया सामने आ रहा है.”
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) की एक बैठक में 28 मई को नवाज़ शरीफ़ ने कहा, “परमाणु धमाके करना बहुत बड़ा फ़ैसला था. आप जानते हैं कि भारतीय संसद में ये ख़बर दी गई कि पाकिस्तान ने पांच धमाकों से आज जवाब दे दिया. उसके बाद वाजपेयी साहेब लाहौर आए. याद है या नहीं याद है?”
उन्होंने कहा, “वाजपेयी साहेब आए और हमसे आकर वादा किया. ये बात अलग है कि हमने वादे के ख़िलाफ़ अर्ज़ी की. उसमें हमारा कसूर है. उसमें हम कसूरवार हैं.”
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पाकिस्तान ने साल 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था.
इससे पहले 11 और 13 मई 1998 को भारत ने एडवांस परमाणु हथियारों के पांच परीक्षण किए थे.
इस परीक्षण के बाद कुछ महीने बाद फ़रवरी 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर का दौरा किया था.