


बीकानेर। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिल रहे कर्ज की बदौलत देश चला रहे पाकिस्तान पर भारत ने जमकर हमला बोला है. भारत ने पाकिस्तान को दिए जा रहे आईएमएफ के बेलआउट पैकेज पर कड़ा रुख अपनाते हुए कर्ज के पैसे की ‘कड़ी निगरानी’ की वकालत की है. आईएमएफ को भारत ने पाकिस्तान को लेकर चेताया है कि देशों को इस तरह के पैसों को रक्षा खर्च या अन्य देशों का कर्ज चुकाने में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
पिछले साल जुलाई में फंड ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का शॉर्ट टर्म स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) दिया था. यह कर्ज गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे देशों को आईएमएफ की तरफ से दिया जाता है जो कि अल्पकाल का होता है.
इसी कर्ज की समीक्षा के दौरान आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के सामने भारत का रुख रखा. भारत आमतौर पर पाकिस्तान की आईएमएफ से कर्ज की मांगों से दूर ही रहता है. पिछले जुलाई जब एसबीए को मंजूरी दी गई थी तब भी भारत ने ऐसा ही किया था.
हालांकि, इस बार, भारत सरकार ने कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम से अनुरोध किया कि वे आईएमएफ बोर्ड को बताएं कि वो आईएमएफ से कर्ज में मिले धन का पाकिस्तान किस तरह इस्तेमाल कर रहा है, उस पर ‘नियंत्रण और संतुलन स्थापित करे और कड़ी निगरानी सुनिश्चित करे.’
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भारत ने आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के सामने कहा, ‘इस तरह की निगरानी यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए दिए गए धन को रक्षा खर्च और अन्य देशों के कर्ज को चुकाने में न लगाया जाए.’