बीकानेर। पीबीएम हॉस्पिटल के मेडिसिन, न्यूरो, आर्थो, गायनी, बच्चा अस्पताल, यूरोलॉजी, सर्जरी और हार्ट सहित सभी वार्डों में दिनभर चाय, बीड़ी, सिगरेट और गुटखा बेचने वाले बे-रोकटोक घूमते हैं। अधीक्षक ने इन वस्तुओं के बेचने पर पाबंदी लगा रखी है। इसके लिए सुरक्षा अधिकारी को अधिकृत किया हुआ है। गार्डों पर ऐसे लोगों को पकडक़र उनसे 50 रुपए जुर्माना वसूलने की जिम्मेदारी है, लेकिन जब गार्ड खुद ही इन वस्तुओं को सेवन करने लगे तो इसे क्या कहेंगे। पीबीएम परिसर और बाहर चाय की थड़ी लगाने वालों के श्रमिक दिनभर पीबीएम के वार्डों में चाय बेचते नजर आते हैं। ऐसे श्रमिकों से हर महीने करीब दस हजार रुपए जुर्माने के वसूले जा रहे हैं। सौ से अधिक चाय के थर्मस जब्त किए गए हैं, लेकिन धंधा फिर भी बदस्तूर जारी है।
पीबीएम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा अधिकारी को पत्र लिखा गया है। इसमें चूक मिली तो संबंधित गार्ड के विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा।इसके अलावा वार्डों में मरीज के पास भीड़ नहीं रहनी चाहिए। इससे उनके परिजनों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। -डॉ. प्रमोद सैनी, अधीक्षक, पीबीएम हॉस्पिटल
चाय, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि बेचने वालों से रोज जुर्माना वसूला जा रहा है। इस काम में किसी गार्ड की लापरवाही मिली तो उसे हटा दिया जाएगा। -राजेंद्र सिंह, सुरक्षा अधिकारी, पीबीएम हॉस्पिटल
पीबीएम हॉस्पिटल में मरीजों से मिलने का समय तीन से पांच बजे का है, लेकिन इस वक्त बहुत कम लोग जा पाते हैं। ज्यादातर मिलने वाले सुबह और रात के समय आते हैं। सुबह सबसे ज्यादा भीड़ डॉक्टर के राउंड के दौरान होती है। हालांकि उस वक्त मरीजों के परिजनों को वार्डों से बाहर भेज दिया जाता है। पेशेंट के लिए दवा लेकर आने वाले मरीजों को ही छूट है। राउंड खत्म होने के बाद कोई रोक टोक नहीं है। वार्डों में भीड़ हो जाती है, जबकि हर एंट्री गेट पर गार्ड तैनात है। नियमानुसार वार्ड में भर्ती के दौरान ही मरीज को एक पास जारी होता है, जिसे दिखाने पर उसके अटेंडेंट को प्रवेश दिया जाता है, लेकिन इस नियम का पालन नहीं हो पा रहा है।
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266 सुरक्षा गार्ड, फिर भी रुक नहीं रही चोरियां
पीबीएम परिसर में 266 सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। बाहर बेरीकेट से लेकर अंदर वार्डों तक लगा रखे हैं। फिर भी चोरियों रुक नहीं रही हैं। आए दिन मरीजों की जेब कट रही है। मोबाइल और रुपए चोरी हो रहे हैं। दुपहिया वाहन चोरी होना रोज की बात हो गई है। सुरक्षा के लिहाज से परिसर में सीसी टीवी कैमरे लगने थे, जो अब तक नहीं लग सके।
