बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्थित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर नि:शुल्क शिविर एवं प्राकृतिक चिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बिजेंद्र बिनावरा – सीनियर प्रो. एवं एचओडी- फिजियोलॉजी, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर, वशिष्ठ अतिथि डॉ. सुधीर – सीनियर एम डी, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर व योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के निदेशक डॉ. देवाराम काकड़ ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र पर शिविर में भाग लेने वाले सभी महिला – पुरुषो को प्राकृतिक चिकित्सा की क्रियाओं का अभ्यास करवाया गया।संगोष्ठी के अवसर पर केंद्र के निदेशक डॉ. देवाराम काकड़ ने अपने उद्बोधन में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस का महत्व बताते हुवे कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा अत्यंत प्राचीन चिकित्सा पद्धति हैं जो भारत की अमूल्य धरोहर हैं। ये प्रमाणित वैज्ञानिक, परिणामकारक, सरल, सुरक्षित और अनेक रोगों के सफलतापूर्वक निवारण में अत्यंत प्रभावी हैं।कार्यक्रम मुख्य अतिथि डॉ. बिजेंद्र बिनावरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में अनेक रोगों से बचाव के लिए हमें प्रकृति की ओर चलने की अवश्यकता है। प्राकृतिक चिकित्सा के पारंपरिक और प्राकृतिक रूपों के साथ आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान को समाहित करता है। प्रकृति की उपचार शक्ति पर भरोसा करते हुए, प्राकृतिक चिकित्सा मानव शरीर की खुद को ठीक करने की क्षमता को उत्तेजित करती है। प्राकृतिक चिकित्सा में आहार का बहुत अधिक महत्व बताया गया है, हमारे दैनिक जीवन में प्राकृतिक आहार को नियमित करने से अनेक घातक बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। इस लिए कहा जाता है कि आहार ही औषधि है । इस प्रकार के प्राकृतिक चिकित्सा दिवस कार्यक्रम के माध्यम से आम जन तक प्राकृतिक चिकित्सा की बात पहुंचेगी। इस पद्धति का महत्व समझने के साथ – साथ स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए लाभ लेते रहना चाहिए।कार्यक्रम के वशिष्ठ अतिथि – डॉ. सुधीर ने संबोधित करते हुवे कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के द्वारा मनुष्य अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकता है इससे व्यक्ति के जीवन के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक भागों के रचनात्मक सिद्धांतों के साथ-साथ व्यक्ति के सद्भाव का भी निर्माण होगा।राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर सभी अगंतुओ को प्राकृतिक चिकित्सा का साहित्य भेंट किया गया। कार्यक्रम में डॉ. प्रद्योमनसिंह, डॉ. दीपक, रमेश पारीक, नवरत्न, विमला भंसाली आदि उपस्थित रहें।कार्यक्रम में डॉ. विमल नंदीवाल ने सभी का आभार वक्त किया। कार्यक्रम का संचालन स्वरूप पंचारिया ने किया।
