बीकानेर। बीकानेर. प्रदेश में हर क्षेत्र में महिलाएं तेजी से कदम बढ़ा रही हैं, लेकिन राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में परिचालक के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी अपनी वास्तविक ड्यूटी करने से कतरा रही हैं। प्रदेश के विभिन्न आगारों में महिला परिचालक बसों को रूट पर ले जाकर अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रही हैं, लेकिन बीकानेर आगार में परिचालक के पद पर भर्ती होने के बावजूद महिला कर्मचारी परिचालक का काम नहीं कर रहीं। अधिकारियों व ऊंचे रसूखात का इस्तेमाल कर वे कार्यालय में बाबू का काम ही संभाल रही हैं।
छह परिचालक, एक भी बस पर नहीं
बीकानेर आगार में छह महिला कर्मचारी परिचालक के पद पर भर्ती हुईं, लेकिन इनमें से एक भी बस के रूट पर तैनात नहीं हैं। सभी या तो ऑफिस कार्य या बुकिंग पर बैठी हैं। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों सीकर, चूरू, झुंझुनूं, सरदारशहर, नागौर, जोधपुर, जयपुर, फलौदी में महिला परिचालक बसों को रूट पर लेकर जा रही हैं। मुख्यालय के स्पष्ट आदेश हैं कि पद के विरुद्ध किसी भी कर्मचारी से काम नहीं करवाया जाए, लेकिन बीकानेर में इन आदेशों की धज्जियां उड़ रही हैं। बीकानेर में 17 चालक और 9 परिचालक पद के विरुद्ध काम कर रहे हैं।
बीकानेर रोडवेज एक नजर चालक 108 परिचालक 127
महिला परिचालक 6 बस सारथी 55 एजेंसी चालक 7
अन्य कर्मचारी 20
जानते सब हैं, बोलता कोई नहीं
बीकानेर रोडवेज में वरिष्ठता को लेकर लंबे समय से धांधली चल रही है। अधिकारी व कर्मचारी जानते सब हैं, लेकिन बोलता कोई नहीं। उच्चाधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा कई बार उठा, लेकिन हुआ कुछ नहीं। रोडवेज सूत्रों की मानें, तो बीकानेर आगार में वरिष्ठता दरकिनार है। राजनीतिक संरक्षण व ऊंचे रसूखात वाले कार्मिक मनचाही पोस्टिंग ले रहे हैं।

