नई दिल्ली। अगले 15-20 साल तक सत्ता में बने रहने के प्लान पर काम कर रही भाजपा राजस्थान की कमजोर सीटों पर आधा दर्जन सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। भाजपा झुंझुनूं, कोटपूतली जैसी करीब 19 सीटें पिछले तीन चुनाव से हार रही है। इसी तरह 58 सीटें ऐसी हैं, जहां तीन में से दो चुनावों में भाजपा को हार मिली है।
ऐसी सीटों को इस बार जीतने के लिए भाजपा न सिर्फ कुछ जगहों पर सांसदों को लड़ाएगी बल्कि दूसरी पार्टियों से शामिल किए गए नेताओं पर भी दांव खेलेगी। यहां मजबूत उम्मीदवारों की खोज चल रही है।
पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार टिकट का आधार सिर्फ एक ही रहेगा- किस सीट पर कौन व्यक्ति जिताऊ हो सकता है? भाजपा ने अब तक राजस्थान में तीन सर्वे करवाए हैं। इन्हीं सर्वे के रिजल्ट के आधार पर उम्मीदवार तय होंगे। प्रत्येक विधानसभा सीट पर 10 हजार लोगों को सर्वे में शामिल करके राय ली गई है।
सर्वे के जरिए सीटवार जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश की कवायद में मौजूदा विधायकों और पिछले चुनाव के उम्मीदवारों के टिकट काटने पड़े तो काटे जाएंगे।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में नए चेहरों को आगे लाने के लिए गुजरात मॉडल की तर्ज पर टिकट बंटवारा होगा। पिछले साल गुजरात में हुए चुनाव में पार्टी ने मौजूदा 45 विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा था। इनमें से 43 ने चुनाव जीता।
ऐसे में राजस्थान में भाजपा की तैयारी है कि पिछली बार उतारे गए 200 उम्मीदवारों में से जिताऊ को ही टिकट दिया जाए। गुजरात के मॉडल पर बहुत सारे नेताओं को रिटायर किया जा सकता है।
कमजोर सीटों पर सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाएगी भाजपा,उम्मीदवार जिताऊ है तो ज्यादा उम्र से भी परहेज नहीं

