


जोधपुर।पाली के सेंदंडा में महिला की हत्या के बाद चेहरे को नोंचकर खाने वाले युवक की महात्मा गांधी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसकी मौत के बाद अब पुलिस के सामने उसके संपर्क में आए लोगों की ट्रेकिंग करना चैलेंज बन गया है। क्योंकि युवक महाराष्ट्र से पाली बस में आया था। इस दौरान उसके संपर्क में कौन कौन आया इसका पता नहीं चल पाया है।बता दें की सुरेंद्र कि मंगलवार सुबह 7:50 पर महात्मा गांधी हॉस्पिटल में डेथ हो गई। अस्पताल सुप्रीडेंट डॉ. राजश्री बैहरा ने बताया कि उसे कार्डियक अरेस्ट आया था । इसके चलते उसकी मौत हो गई।परिजनों को पता लगाने मुंबई गई पाली पुलिस के हाथ में विशेष जानकारी नहीं लगी है। उसका आधार कार्ड का पता भी फर्जी निकला है। कुछ लोगों ने उसके नेपाल का होने का दावा किया है।मौत के बाद ये अब भी पहली बना हुआ है कि उसे रैबीज था या नहीं। पाली में डॉक्टर ने दावा किया कि हाइड्रोफोबिया के लक्षण थे लेकिन जोधपुर रैफर करने पर उसे मनोरोग भी माना गया। इसके साथ ही रैबीज और सिजोफ्रेनिया पेशेंट मानकर इलाज कर रहे थे। इसके डॉक्टर बुलाकर इस बीमारी को कवर करने की कोशिश की जा रही थी।डॉक्टर्स ने बताया कि अचानक उसे कार्डिक अरेस्ट आया था। इतना ही नहीं दिमाग और गर्दन के बीच के पार्ट में इन्फेक्शन (ब्रेन स्टैंप) होने की वजह से भी उसकी मौत हुई है। आरोपी सुरेंद्र का ब्रेन, लिवर और किडनी फैल हो चुकी थी।फोटो मरीज को पाली से जोधपुर रैफर करने के दौरान का है।फोटो मरीज को पाली से जोधपुर रैफर करने के दौरान का है।27 मई को रैफर किया जोधपुर युवक सुरेंद्र को 27 मई को पाली के बांगड़ हॉस्पिटल से जोधपुर रैफर किया गया था। यह उसे मथुरादास माथुर हॉस्पिटल लाया गया था जहां से बाद में महात्मा गांधी हॉस्पिटल में एडमिट कर इलाज शुरू किया गया था। हालांकि इन 2 दिनों में सुरेंद्र का स्वभाव काफी शांत नजर आया। 2 दिन तक उसे मनोचिकित्सक की एडवाइज पर मेडिसिन दी जा रही थी। इसके चलते भी उसके स्वभाव शांत था।अब पुणे भेजे जाएंगे सैंपल मौत के बाद भी अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि उसकी मौत किस वजह से हुई है। क्योंकि डॉक्टर खुद पूरी तरह से नहीं मान रहे कि उसे रेबीज था। डॉक्टरों का मानना है कि उसे दिमाग की बीमारी भी थी इसकी वजह से भी ऐसा हो सकता है। एमजीएच में पिछले 2 दिन से उसका इलाज भी मनोचिकित्सक की सलाह के आधार पर चल रहा था। अब उसकी मौत के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा। वही वायरल मार्कर भेजने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जा रहा है इस जांच में 15 से 20 दिन लगते हैं और इसे पुणे की लैब में भेजा जाएगा इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि उसकी मौत रेबीज का इन्फेक्शन होने की वजह से हुई या किसी अन्य कारणों से।आरोपी सुरेंद्र की सिटी स्कैन रिपोर्ट नॉर्मल आई है। लेकिन, उसे क्या बीमारी थी यह अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।आरोपी सुरेंद्र की सिटी स्कैन रिपोर्ट नॉर्मल आई है। लेकिन, उसे क्या बीमारी थी यह अभी भी सस्पेंस बना हुआ है।नॉर्मल थी सिटी स्कैन रिपोर्ट सोमवार को आरोपी की की सीटी स्कैन रिपोर्ट आई थी। जो नॉर्मल थी। लिवर फंक्शन टेस्ट रेट बढ़ा हुआ आया। डॉक्टर उसकी मौत का एक कारण यह भी मान रहे हैं क्योंकि उसकी किडनी और लीवर में खराबी भी थी इसका कारण पेशेंट का अलकहोलिक होना था। डॉक्टर का मानना है कि अलकोल पीने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। जिससे लिवर फंक्शन खराब हो सकते हैं।डॉक्टर प्रभात कंवरिया ने बताया पेशेंट को शनिवार शाम एडमिट किया गया था। लगभग 3 दिन तक इलाज के दौरान उसे बेहोश रखा गया। इसकी वजह उपचार के दौरान वो अग्रेसिव नहीं रहे। पाली में उसने कई लोगों को काट दिया था। इसके चलते यहां पर उसे एग्रेसिव होने से बचाने के लिए बेहोश अवस्था में इलाज किया जा रहा था।वहीं डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पुलिस के उन सभी अधिकारी, कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए संपर्क में आने वाले सभी लोगों की लिस्ट मांगी गई है।
