बीकानेर। जिले के बज्जू उपखंड क्षेत्र में तेज गर्मी के दौरान आग की घटनाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रही है और गरीब के झोपड़े से लेकर जंगल तक जल रहा है, लेकिन फिर भी सरकार के नुमाइंदे व प्रशासन केअधिकारी आंखें मूंदे हैं। यहां तक कि ऊर्जा मंत्री भी दमकल उपलब्ध करवाने के वादे को भूल चुके है।बज्जू उपखंड लंबे चौड़े क्षेत्र में फैला है और यहां पिछले कई वर्षों से आग की बड़ी घटनाएं हो चुकी है। इससे बड़े स्तर पर नुकसान हो जाता है। आग पर समय रहते काबू पाया जाया। इसको लेकर ना तो ऊर्जा मंत्री और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधि गंभीर है। आग में गरीब का आशियाना राख हो जाता है तो वनों में आग लगने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। शनिवार को भी नहर की आरडी 860 के वन क्षेत्र में आग से सैकड़ों पेड़ जल गए।इससे पूर्व एक माह 21 अप्रेल को भी आरडी 860 के वन क्षेत्र में इस स्थान पर आग लगी थी। उस समय ऊर्जा मंत्री भी जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचे और बज्जू क्षेत्र में बढ़ती आग की घटनाओं को देखते हुए एक दमकल गर्मियों में बज्जू में ही रखने के निर्देश दिए, लेकिन आज पूरा एक माह हो चुका है, ना तो दमकल मिली और ना ही दमकल को लेकर कोई प्रयास किया गया।100 किमी दूर से आती दमकलज्जू से बीकानेर की दूरी करीब 100 किमी है और दमकल आने में करीब दौ घंटे लग जाते हैं। इससे आगे घटना स्थल पर जाने के लिए भी समय लग जाता है। मौके पर दमकल के पहुंचते-पहुंचते सब कुछ राख हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक दशक से बज्जू उपखंड मुख्यालय पर दमकल को लेकर आंदोलन किए, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात वाला रहा। शनिवार को बज्जू से करीब 70 किमी दूर गजेवाला में खेताराम का आशियाना भी आग से जल गा।वन विभाग के पास संसाधन नहीं बज्जू उपखंड में वन विभाग का बड़ा क्षेत्र होने के साथ-साथ यहां किसानों के फसलों व आमजन के आशियाने गर्मियों में आग लगने से जल जाते है, लेकिन किसी के पास आग बुझाने का कोई संसाधन नही है। क्षेत्र में विशेषकर वन क्षेत्र में आग की घटनाएं होती रहती है, लेकिन वन विभाग के पास कोई भी संसाधन नही है। विभाग आग लगने पर कुआं खोदने की कहावत चरितार्थ करते हुए आमजन से पानी के टैंकर मांगता नजर आता है।
