


जयपुर। राज्य में अब तीन दिनों तक तेज गर्मी पड़ेगी। पिछले एक माह से जारी पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल और हवाओं का दौर आज से थम जाएगा।
इसके साथ ही आज से अगले तीन दिन तक राज्य में लोगों को तेज गर्मी का सामना करना पड़ेगा। मौसम विभाग ने दो दिन के लिए पश्चिमी राजस्थान के जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है।हालांकि 22 मई से एक बार फिर मौसम में बदलाव होगा और तीन दिनों तक आंधी-बारिश होने की संभावना है, इससे एक बार फिर तापमान में गिरावट होगी।
प्रदेश में आज से तापमान में बढ़ोतरी होगी और गर्मी तेज होगी। इस बार नौतपा 25 मई से शुरू होगा और संभावना है कि नौतपा के दौरान राज्य में कई जगह हल्की बारिश और आंधी चल सकती है। वजह यह कि 22 मई से एक नया वेदर सिस्टम एक्टिव हो रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार नौतपा के दौरान जितनी तेज गर्मी रहती है, उतनी ही अच्छी बरसात का योग बनता है।सुबह से ही बढऩे लगी गर्मी पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद आज सुबह से ही गर्मी तेज होनी शुरू हो गई। कल भी कोटा, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, टोंक, सवाई माधोपुर में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज हुआ। मौसम केन्द्र जयपुर ने 20 और 21 मई को बीकानेर, चूरू, जैसलमेर एरिया में हीटवेव चलने का येलो अलर्ट जारी किया है।रात भी होने लगी गर्म मौसम में बदलाव के कारण अब रात का पारा भी वापस ऊपर जाने लगा है। बीती रात राज्य में सभी जिलों में न्यूनतम तापमान में बढोतरी हुई है। बाड़मेर, फलोदी, जालौर, कोटा में रात का न्यूनतम तापमान 29 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। सबसे ज्यादा गर्म रात फलोदी में रही, जहां का न्यूनतम तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।क्या होता है नौतपा?
ज्योतिष गणनाओं के मुताबिक जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है, तब नौतपा होता है। इन 9 दिनों तक सूर्य पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है। इस नक्षत्र में सूर्य 15 दिनों तक रहता है, लेकिन शुरुआत के 9 दिनों में गर्मी बहुत ज्यादा होती है। सूर्य का तापमान 9 दिनों तक सबसे अधिक रहता है, इसलिए 9 दिन के समय को ही नौतपा कहा जाता है।बीकानेर की गर्मी में पक्षी भी परेशान हो रहे हैं। इनके लिए जगह-जगह परिंडे रखे गए हैं।
बीकानेर की गर्मी में पक्षी भी परेशान हो रहे हैं। इनके लिए जगह-जगह परिंडे रखे गए हैं।नौतपा को लेकर क्या है मान्यता?इन नौ दिनों में बारिश न हो और ठंडी हवा न चले तो यह माना जाता है कि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी। इस दौरान सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में जाता है और नौतपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है। सूर्य 12 राशियों, 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ बैठता है, उसके प्रभाव को अस्त कर देता है।
