


जयपुर। प्रदेश में बजरी का अवैध खनन और उसका ट्रांसपोर्ट करने वाले माफियाओं के खिलाफ खान एवं पेट्रोलियम विभाग ने भारी पेनल्टी लगाने का निर्णय किया है। विभाग के आदेशों के तहत अब इस गतिविधि के दौरान पकड़ी (जब्त की गई) गाडिय़ां या मशीनरी को छुड़वाने के लिए उसके मालिक को कम से कम 3 लाख रुपए पेनल्टी के रूप में देने होंगे। वर्तमान में ये पेनल्टी कम से कम सवा लाख रुपए तक लगती थी। हालांकि खान एवं पेट्रोलियम विभाग ने ये पेनल्टी को लगाने में 3 साल की देरी कर दी। फरवरी 2020 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पेनल्टी का स्लैब निर्धारित किया था उसी आदेशों को आज विभाग ने लागू किया है।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक अब से पेनल्टी तीन अलग-अलग स्लैब के तहत वसूल की जाएगी। वर्तमान में विभाग अवैध खनन और परिवहन करने पर एक लाख रुपए (पर्यावरण क्षतिपूर्ति के), बजरी का पर लगने वाली रॉयल्टी का 10 गुना राशि समेत अन्य जुर्माना लगाकर पेनल्टी वसूल करता था। इस तरह से एक ट्रक पर ये पेनल्टी करीब 2.25 से 2.50 लाख रुपए बनती थी। लेकिन अब नए आदेश के मुताबिक पेनल्टी कम से कम 2.25 लाख रुपए होगी और अधिकतम 5 लाख रुपए से ज्यादा की बनेगी।
इस निर्णय से अवैध परिवहन और खनन पर लगेगी रोक
ट्रक ऑपरेटर बजरी वेलफेयर सोसायटी राजस्थान के अध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि सरकार ने तीन साल की देरी से आखिरकार इस आदेश को लागू किया। इससे अब अवैध बजरी खनन करने वालों और परिवहन करने वालों का कंट्रोल होगा। क्योंकि भारी पेनल्टी के डर से लोग इस काम को करने से डरेंगे। हालांकि इससे इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा भी मिलेगा।
