


बीकानेर। ट्रैफिक में सबसे बड़ी रुकावट है सडक़ों के बीच में लगे 300 पोल, हटाने पर 20 से 30 फिट तक चौड़ी हो जाएंगी सडक़ें बीकानेर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ठीक नहीं है। ऐसे में सडक़ों के बीच लगे बिजली के पोल आमजन की समस्या और बढ़ा रहे हैं। बिजली कंपनी एक सडक़ से पोल हटाने के लिए एस्टीमेट बनाकर लाखों रुपए मांगती है, लेकिन पीडब्ल्यूडी को इसके लिए अलग से कोई बजट नहीं मिलता। प्रशासन ने भी इस समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किए हैं।
शहर की मुख्य सडक़ों के बीच लगे बिजली के पोल आमजन के लिए आने-जाने में परेशानी तो बनते ही हैं, हादसों का अंदेशा भी रहता है। पीडब्ल्यूडी, यूआईटी और नगर निगम सरकारी महकमों के लिए भी यह पोल जी का जंजाल हैं। नई सडक़ें बनाने, चौड़ी और मरम्मत करने का ज्यादातर काम पीडब्ल्यूडी करती है। वर्तमान में भी उसे शहर की प्रमुख सडक़ें बनानी हैं, लेकिन बीच में खड़े पोल हटाने के लिए बीकेसीएल ने करोड़ों रुपए का एस्टीमेट थमा दिया है, जिससे पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। शहर में अलग-अलग जगह की मुख्य सडक़ों के हालात देखें तो सामने आया कि बीच सडक़ पर खड़े करीब 300 पोल ट्रैफिक की सबसे बड़ी रुकावट हैं। अगर इन्हें हटाकर शिफ्ट कर दिया जाए तो सडक़ें 20 से 30 फिट तक चौड़ी हो जाएंगी। लोगों को आवागमन में सुविधा होगी और सडक़ दुर्घटनाएं रुकेंगी। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सबसे व्यस्ततम केईएम रोड पर प्रेमजी प्वाइंट से तोलियासर भैरूंजी की गली के बीच सडक़ पर बिजली के पोल खड़े हैं, जबकि यहां खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा लोग आते हैं।पीडब्ल्यूडी की कम बजट वाली सडक़ों के लिए बिजली के पोल हटाने का बजट नहीं मिलता, इसलिए सडक़ निर्माण के दौरान परेशानी होती है और जहां पोल लगे हैं वहां की जगह छोडऩी पड़ती है। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए सडक़ के बीच में आने वाले बिजली के पोल बीकेसीएल को हटाने हैं। पिछले दिनों कलेक्टर भगवतीप्रसाद कलाल की अध्यक्षता में मीटिंग हुई, जिसमें बीकेसीएल से अपने स्तर पर पोल हटाने के लिए कहा गया है। – मुकेश गुप्ता, सचिव, सडक़ सुरक्षा समिति व पीडब्ल्यूडी एसई
