

जयपुर। इस वर्ष गुरु अस्त होने के चलते चार माह वैवाहिक मुहूर्त नहीं रहे। इस बीच अबूझ मुहूर्त में भी गिनती की ही शादियां हुई, लेकिन आने वाले दो माह में सावों के कई मुहूर्त होने से अब बैंड-बाजों और शहनाइयों की गूंज लगातार सुनाई देगी। ज्योतिष जगदीश दिवाकर ने बातया कि एक माह से गुरु अस्त होने के कारण वैवाहिक समारोह नहीं हो रहे थे। बृहस्पति के उदय होने के बाद 2 मई से 27 जून तक विवाह कर्म होंगे। इस दौरान दो अबूझ मुहूर्त भी है। इन पर बड़ी संख्या में शादियां होंगी।
दो दिन अबूझ मुहूर्त
दिवाकर ने बताया कि 5 मई पीपल पूर्णिमा (वैशाखी पूनम) और 27 जून भडल्या नवमी (भडुलीनम) को अबूझ मुहूर्त रहेंगे। इस पर वैवाहिक आयोजनों की काफी धूम रहती है।
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5 मई खग्रास उपच्छायी चंद्र ग्रहण
वैशाख पूर्णिमा शुक्रवार को उपच्छाया चंद्रग्रहण पूरे भारतवर्ष में दिखाई देगा। सूतक भारतीय समय अनुसार सुबह 11.44 पर शुरू होगा। उपर्युक्त अवधि में चंद्रमा की चांदनी में कुछ धुंधलापन या (छाया) सी दिखाई देता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता, इसलिए इसका सूतक पातक दो स्नान दान आदि का महत्व नहीं होता है।
मई-जून के मुहूर्त
मई माह में 2, 3, 10, 11, 12, 13, 16, 20, 21, 22, 26, 27, 28, 29, 30, 31 तारीख को विवाह के मुहूर्त है। इसी प्रकार जून माह में 1, 3, 5, 6, 7, 8, 11, 12, 13, 23, 24, 27 तारीख को सावों के मुहूर्त रहेंगे।
