


जयपुर। रीट भर्ती परीक्षा के मामले में फरार चल रहे मास्टरमाइंड वाइस प्रिंसिपल शेरसिंह मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शेरसिंह पर भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपए में पेपर बेचने का आरोप है।
दरअसल, जयपुर के चौमूं स्थित दौला का बास निवासी शेरसिंह मीणा आबूरोड के सरकारी स्कूल में पोस्टेड है। पेपरलीक मामले में नाम आने के बाद से फरार चल रहा है। फिलहाल जेल में बंद एक और मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण ने पूछताछ के दौरान शेरसिंह से 4 पेपर खरीदने का खुलासा किया था। इसके बाद से शेरसिंह को पकडऩे के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही थी।
आरोपी ढाका और शेरसिंह को पकड़वाने पर है 1-1 लाख रुपए का इनाम
पेपरलीक मामले में फरार चल रहे आरोपी सुरेश ढाका और अनिल उर्फ शेर सिंह पर राज्य सरकार ने 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है। बता दें कि जेल में बंद आरोपी भूपेन्द्र सारण ने पूछताछ में बताया था कि उसने जयपुर के चौमू निवासी शेर सिंह मीणा से पेपर खरीदा था।
इसके बाद यह पेपर सुरेश ढाका को बेचा गया और सुरेश ढाका ने अपने साले सुरेश विश्नोई के सहयोग से अभ्यर्थियों को 5-5 लाख रुपए में बेचा था। शेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद ही मामले में बड़े खुलासे होने की संभावना है। आखिर शेरसिंह को सीनियर टीचर भर्ती का पेपर किसने उपलब्ध कराया। इसमें कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
5 साल पहले गांव से दूरी बना ली
जयपुर के चौमूं में दोला का बास निवासी अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा पुत्र गोपाल मीणा ने करीब 5 साल पहले अपने गांव से दूरी बना ली थी। उसके दो भाई सरकारी नौकरी करते हैं। वहीं एक छोटा भाई गांव में किराना स्टोर चलाता है। गांव में शेर सिंह मीणा की मां और छोटा भाई रहते हैं, लेकिन शेर सिंह पिछले कई सालों से वहां नहीं जा रहा था।
गांव से दूरी बनाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि कोई भी शख्स उसके सहयोगी और उसकी प्रॉपर्टी के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं कर सके।
शेर सिंह मीणा उर्फ अनिल मीणा हाल ही में आबूरोड के स्वरूपगंज के भावरी गांव में सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत था। वो लोगों को बताता था कि उसकी जान पहचान सरकार के कई मंत्री और शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों से है।
