


जयपुर। 22 मार्च से माता की आराधना का पर्व नवरात्रि शुरू हो जाएगी, इस बार माता गजकेसरी योग में नाव पर सवार होकर आएंगी। जिसके चलते माता के मंदिरों में तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। मीन मलमास के बीच बुधवार से मां दुर्गा की आराधना के महापर्व चैत्र मास के नवरात्र की शुरुआत उत्तर भाद्रपक्ष नक्षत्र तथा शुक्ल-ब्रह्मयोग में होगा। साथ ही हिंदू नववर्ष विक्रम संवत् 2080 भी शुरू होगा। तिथि क्षय नहीं होने से भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करेंगे।
घटस्थापना के लिए सुबह 6.33 से 7.40 बजे का समय श्रेष्ठ रहेगा। माता के मंदिरों के साथ ही घरों में घट स्थापना होगी। खेड़ापति माता मंदिर, हिंगलाज माता मंदिर खर्राघाट सहित अन्य मंदिरों में तैयारियां अंतिम चरण हैं। ज्योतिषाचार्य पं. सोमेश परसाई ने बताया कि मां दुर्गा का नौका पर आगमन और प्रस्थान नर पर होगा। इस दौरान बारिश के योग भी बन रहे हैं। मां दुर्गा के आगमन के समय चंद्रमा, सूर्य, बुध व गुरु मीन राशि में रहेगा। वहीं, नववर्ष का प्रवेश मीन लग्न में होने से उदित काल में गज केसरी योग बनेगा। ज्ञान के देवता बृहस्पति मीन राशि और शनि स्वराशि कुंभ में रहेगा। इसके अलावा खरीदारी के लिए 10 से अधिक शुभ योग भी बनेंगे।
नवरात्र में रहेंगे ये मुहूर्त22 मार्च : उत्तराभाद्रपक्ष नक्षत्र, शुक्ल—ब्रह्मयोग
23—24 मार्च : सर्वार्थसिद्धि, राजयोग
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25, 26 मार्च : रवियोग
27 मार्च : सवार्थसिद्धि, कुमारयोग, अमृतसिद्धियोग

28 मार्च : द्विपुष्कर, राजयोग
29 मार्च : रवियोग
30 मार्च : सवार्थसिद्धियोग, रवियोग, गुरुपुष्य योग में रामनवमी
ऐसे तय होती है माता की सवारी
ज्योतिषाचार्य पं. विजय काशिव के मुताबिक प्रतिपदा पर शनिवार-रविवार हो तो हाथी, सोमवार-मंगलवार हो तो अश्व, गुरुवार-शुक्रवार हो तो डोली और बुधवार होने पर माता की सवारी नाव पर होती है। वहीं, नवरात्रि के पहले तीन दिन मां दुर्गा, अगले तीन दिन मां लक्ष्मी और शेष तीन दिन मां सरस्वती को समर्पित होते हैं