


बीकानेर। जिले में सडक़ हादसे लगातार हो रहे हैं। हर दिन औसतन एक व्यक्ति हताहत हो रहा है। जिले में हादसों पर गौर करें, तो सर्वाधिक हादसे पिकअप गाडिय़ों से हो रहे हैं, जिनमें लोगों की जान जा रही है। पुलिस प्रशासन ने अब पिकअप गाडिय़ों पर ब्रेक लगाने की तैयारी कर ली है।
अफसरों का मानना है कि हादसों में अधिकतर का कारण इन गाडिय़ों में नियम विरुद्ध लगे लोहे की एंगल व गाटर के लगाए गए बम्फर गार्ड होते हैं। बीछवाल में हुए हादसे में बाप-बेटे की मौत के बाद जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम के निर्देश पर पुलिस ने पिकअप व बोलेरो गाडिय़ों के खिलाफ विशेष चेकिंग अभियान चलाया है। यातायात प्रभारी रमेश सर्वटा के नेतृत्व में अभियान के तहत जिन गाडिय़ों के आगे लोहे की एंगलों व गाटर के बम्फर लगे मिलेंगे, उन पिकअप व बोलेरों गाडिय़ों को सीज किया जाएगा। अभियान के तहत दो दिन में 107 पिकअप गाडिय़ों को जब्त भी किया जा चुका है। कई पिकअप चालकों के दस्तावेज पूर्ण नहीं होने पर सीज किया गया है। यातायात थाना परिसर पिक अप गाडिय़ों से अटा पड़ा है।
चौकाते हैं सडक़ हादसे पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में होने वाले हादसों पर गौर करें तो 80 फीसदी हादसे पिकअप, ट्रेक्टर-ट्रॉली एवं ओवरलोड वाहनों के कारण होते हैं। इन पर पुलिस, परिवहन व जिला प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है।
यह वाहन यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते सरपट दौड़ रहे हैं। अकेले बीकानेर जिले की बात करें, तो पिछले 104 दिनों में पिकअप से हुए हादसे में नौ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 43 लोग घायल हुए हैं।
यह है हादसों की वजह
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पिकअप चलाने वाले वाहन चालकों के पास वाहन चलाने का अनुभव नहीं होता। गांवों व तहसील मुख्यालयों पर पिकअप व ट्रेक्टर चलाने वालों के पास लाइसेंस तक नहीं हैं। नाबालिग भी पिकअप व ट्रेक्टर ट्रॉलियां चला रहे हैं।
यह नए चालक तेज रफ्तार में पिकअप गाड़ी को चलाकर हादसों को अंजाम दे रहे हैं। हादसों में अक्सर पिकअप चालक की गलती सामने आ रही है। हादसे में वे भी घायल होते हैं, लेकिन दूसरे वाहन के लोग गंभीर घायल होने के साथ-साथ कई बार अपनी जान भी गंवा देते हैं।
जिले में दो विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया। दो दिनों में 107 पिकअप गाडिय़ों को जब्त किया गया है, जिनमें नियम विरुद्ध आगे लोहे के एंगल व गाटर से बने बम्फर गार्ड लगे हुए थे। वहीं 30 से अधिक वाहन चालकों के लाइसेंस जब्त किए गए हैं। वाहनों में छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ नियमित चेकिंग की जाएगी।