


बीकानेर। 65 दिन की नहरबंदी के लिए माइक्रो प्लानिंग की गई जिसमें पानी की बूंद-बूंद को सहेज कर रखा जाएगा। इसके लिए नहर के पानी को बंधे लगाकर रोका जाएगा और बरमों से उस पानी को निकालकर स्टोर किया जाएगा जिससे कि पूर्ण नहरबंदी के दौरान आमजन तक सप्लाई की जा सके।
इस बार 26 मार्च से 65 दिन की नहरबंदी है जो 29 अप्रैल तक आंशिक और उसके बाद 29 मई तक पूर्व रूप से लागू की जाएगी। आंशिक नहरबंदी के दौरान आमजन को पानी की सप्लाई रोजाना की जाएगी, लेकिन पूर्ण नहरबंदी में किल्लत होगी और एकांतर पानी मिलेगा। आमजन को परेशानी से बचाने के लिए प्रशासन ने ज्यादा से ज्यादा पानी स्टोर करके रखने की माइक्रो प्लानिंग बनाई है। इसके लिए नहर और पीएचईडी विभाग के अधिकारियों ने आपसी सामंजस्य से नहर में पानी रोकने के लिए बंधे लगाने, रुके पानी को लिफ्ट कर स्टोर करने के लिए बरमे लगाने पर जोर दिया है। नए शेलो ट्यूबवेल (उथले कुएँ) बनाने, पिछले साल बनाए शेलो ट्यूबवेल की मरम्मत भी की जाएगी जिससे आपात स्थिति में पानी मिल सकेगा। गौरतलब है कि नहरबंदी से 854 गांवों में से 535 गांवों के 9 लाख और शहर में 8 लोग लोग प्रभावित होंगे।
जिले में 376 सरकारी डिग्गियां, 317 फुल

जिले के ग्रामीण इलाकों में पीएचईडी की योजनाओं में पानी की कुल 376 डिग्गियां बनाई गई हैं। इनमें से 317 डिग्गियां फुल कर दी गई हैं जिनमें 90 से 100 प्रतिशत पानी स्टोर है। 40 डिग्गियों में 80 से 90 और 19 डिग्गियों में 60 प्रतिशत पानी स्टोर कर लिया गया है। पीएचईडी के सभी जेईएन-एईएन को फील्ड में भेजकर इन डिग्गियों को लबालब करने के काम में लगा दिया गया है। इसके अलावा बड़े काश्तकारों की प्राइवेट डिग्गियां भी चिह्नित की जा रही हैं। जरूरत पडऩे पर इनका अधिग्रहण किया जाएगा। शहर के बीछवाल और शोभासर जलाशयों में 1500-1500 मिलियन लीटर पानी की क्षमता है। इस बार नहरबंदी से पहले दोनों जलाशयों में क्षमता से भी अधिक पानी स्टोर किया जाएगा।
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नहर का पानी रोकने के लिए मिट्टी के कट्टे लगाकर अस्थाई बंधे बनाए जाएंगे। पीएचईडी के जिला ग्रामीण खंड प्रथम की लूणकरणसर और छत्तरगढ़ तहसील, जिला ग्रामीण खंड द्वितीय की पूगल और खाजूवाला तहसील व इसी खंड की बीकानेर तहसील के बदरासर और जामसर, नगर खंड प्रथम की बज्जू और कोलायत तहसील में 50 बंधे लगाए जाएंगे। रोके गए पानी को नहर से निकालकर स्टोर करने के लिए इन्हीं स्थानों पर 42 जगह बरमे लगाए जाएंगे। इसके अलावा जहां कम गहराई पर पानी है वहां 25 नए शैलो ट्यूबवेल (उथले कुऍ) बनाए जाएंगे। पिछले साल बने 9 शेलो ट्यूबवेल की मरम्मत कर उन्हें तैयार किया जाएगा।