


जयपुर। पुलवामा शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं का जयपुर में जारी बेमियादी धरना अब राज्य सरकार और वीरांगनाओं, दोनों पक्षों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। एक तरफ राज्य सरकार ने वीरांगनाओं की कुछ मांगों को दो-टूक कहते हुए गैर-वाजिब करार दिया है, तो वहीं वीरांगनाएं भी अपनी मांगें पूरी करवाने पर अड़ी हैं। नौबत ये आई हुई है कि पिछले 10 दिन से बना गतिरोध ख़त्म होने के बजाए और बढ़ता जा रहा है।
वीरांगनाओं पर अब सरकार की सख्ती
सीएम अशोक गहलोत की ओर से दो बार सार्वजनिक स्पष्टीकरण जारी करने और अफसरों से लेकर मंत्रियों तक की तमाम वार्ताओं का नतीजा अब तक सिफर ही निकला है। ऐसे में अब सरकार ने वीरांगनाओं पर सख्ती करनी शुरू कर दी है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आवास के बाहर वीरांगनाओं के धरने को पुलिस ने जबरन उठा दिया है।

बताया जा रहा है कि पुलिस की ये कार्रवाई आज तडक़े तीन बजे हुई है। पुलिस धरना दे रही वीरांगनाओं के साथ धरना स्थल पर डटे उनके परिजनों और सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के कुछ समर्थकों को भी उठाकर अपने साथ ले गई। इन सभी को फिलहाल जयपुर की सेज थाने में रखा गया है।
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वीरांगनाओं की मांगों के समर्थन और पुलिस कार्रवाई के विरोध में सांसद किरोड़ी लाल मीणा के तेवर भी ढीले नहीं पड़ रहे हैं। सांसद आज सुबह पुलिस हिरासत में ली गईं वीरांगनाओं से मिलने और कार्रवाई का विरोध जताने के लिए सेज पुलिस थाने पहुंचे। इसके बाद सांसद थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान थाना परिसर पुलिस छावनी में तब्दील नजऱ आया। क़ानून व्यवस्था ना बिगड़े इसके लिए पुलिस के कड़े सुरक्षा इंतज़ाम दिखाई दिए।