


जयपुर। जिले में राज्य व केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के वार्षिक सत्यापन के लिए पेंशनधारियों को अब कार्यालयों या ई-मित्र के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार संभवत: 26 जनवरी से एक मोबाइल एप शुरू करने जा रही है, जिससे पेंशनर्स घर बैठे ही अपने जीवित होने का प्रमाण दे सकेंगे। विभाग सत्यापन की नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है, जिससे जिले में 2 लाख 8 हजार 757 पेंशनधारकों को लाभ होगा।
पेंशनर्स को मोबाइल एप पर अपना जन आधार नंबर और सामान्य जानकारी फीड करके सिर्फ चेहरा स्कैन करना होगा। इसके बाद पेंशन का नवीनीकरण हो जाएगा। इस नई व्यवस्था से उनको भी लाभ होगा जिनके अंगूठे व आंखों की पुतली स्कैन नहीं होने से पेंशन रुक जाती है। हाल ही में विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं। गौरतलब है कि सामाजिक पेंशनर्स को हर साल सत्यापन कराकर खुद के जीवित होने व पेंशन का हकदार होने का प्रमाण देना होता है। इसके अभाव में सरकार की ओर से मिलने वाली सामाजिक पेंशन का भुगतान उनके खातों में रुक जाता है। दौसा जिले में जनवरी के पहले पखवाड़े तक 74.32 प्रतिशत पेंशनर्स अपना सत्यापन करा सके हैं। 53 हजार 619 पेंशनरों का सत्यापन अभी शेष है।
अभी फिंगर प्रिंट मिलान में आ रही दिक्कत–

वर्तमान में सामाजिक सुरक्षा के पेंशनधाारियों को ई-मित्र केन्द्र पर बॉयोमेट्रिक आधारित सत्यापन किया जाता है। इसमें बुजुर्गों के फिंगर प्रिंट मिलान में दिक्कत आ रही थी। वहीं कई बुजुर्ग आने-जाने में समक्ष नहीं होते हैं। मोबाइल एप से वार्षिक सत्यापन की प्रक्रिया सरल एवं सुविधाजनक हो जाएगी। वहीं फेस स्केनिंग से मृतक व्यक्तियों के नाम से पेंशन उठाने का गड़बड़झाला भी रुक सकेगा।