


जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में नेशनल हैल्थ मिशन में सालों से काम कर रहे संविदाकर्मियों को नियमित करने के नाम पर छलावा कर रहे हैं। सरकार की ओर से संविदा कर्मियों को राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2022 के दायरे में लिया जा रहा है।
लेकिन जारी निर्देश में उम्र सीमा और संतान संबंधी नियमों के लागू करने से चिकित्सा व मेडिकल शिक्षा के 44833 संविदा कर्मचारियों में से दस हजार से ज्यादा अयोग्य की श्रेणी में शामिल होने पर नियमित होना खतरे में पड़ सकता है।
इधर, पिछले माह संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा राजस्थान के संयोजक शमशेर खान भालू के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने आयु संबंधित शिथिलता के आदेश शीघ्र जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन दस दिन बाद आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला।
बीस बिन्दुओं के आधार पर की जाएगी स्क्रीनिंग
एनएचएम में सालों से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों की नए नियमों के अनुसार दुबारा से स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। परियोजना निदेशक (एनएचएम) गौरव चतुर्वेदी की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के सीएमएचओ को संविदा कर्मचारी के दस्तावेज, उम्र, संतान, अनुभव, जन्म दिनांक, मानदेय संबंधी जैसे 20 बिन्दुओं की जांच कर 15 जनवरी तक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। स्क्रीनिंग के बाद सीएमएचओ संविदा कर्मचारियों पद के योग्य होने या नहीं होने का प्रमाण पत्र दे सकेंगे।
सरकार चाहे तो दे सकती है राहत : सरकार उम्र सीमा व संतान संबंधी वाला बिन्दु को हटाकर राहत देकर भला कर सकती है। साथ ही जिस कर्मचारी को जितना अनुभव है, उसकी गणना करते हुए रुल्स में शामिल करें।
ऐसे हो सकते हैं अयोग्य
निर्देश में 21 से 40 साल तक की उम्र वालों को संविदा नियमों में शामिल करने से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है।
2006 से पहले और 2002 के बाद कुल जीवित संतानों की संख्या दो रखी है। दो से अधिक संतान के चलते अयोग्य की श्रेणी में माना जाएगा।
अयोग्य की श्रेणी में आने वालों के लिए गाइडलाइन जारी नहीं।
