


बीकानेर। नगर निगम बनने के बाद से शहरवासियों को एक आसबंधी थी कि अब शहर का विकास में पंख लगेंगे और एक नया शहर देखने को मिलेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं आज भी एक छोटी से समस्या को प्रशासन दूर नहीं कर सका है। शहर में आवारा पशुओं की भरमार है जो सडक़ों के बीचों बीच बैठे रहते है और कई ऐसे चौक है जो एक तरह से गौशाला बन चुके है लेकिन आमजन क्या करें क्योकि अगर किसी ने उलहने दिया तो पशु का मालिक मारने उतारु हो जाता है। कई बार तो ऐसा होता है इन आवारा पशुओं से आदमी की जान तक चल जाती है ऐसा ही एक मामला नयाशहर थाना क्षेत्र से सामने आया है जहां जस्सूसर गेट के बाहर नृर्सिह मंदिर के पास रहने वाले कैलाश गहलोत पुत्र फागुन माली ने थाने में बताया कि मेरे भाई राजेश गहलोत पुत्र फागुनराम उम्र 50 साल जो दोपहर को करीब 12 बजे घर से साईकिल पर किसी से बाजार जा रहा थे तो रजनी अस्पताल के पास आवारा पशु ने उनको टक्कर मार दी जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गये जिनको तुरंत ट्रोमा सेंटर में भती्र कराया गया जहां इलाज के दौरान उन्होने दम तोड़ दिया। ऐसे कई लोग है जिन्होंने अपनी जान गंवा दी है। लेकिन बीकानेर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है जबकि आये दिन शहर में आवारा पशुओं से हादसे हो रहे है। शहर के चौकों व चौराहों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा दिनभर रहता है मजे की बात है इन पशुओं के मालिको की हठधार्मिता के कारण लोगों के वाहनों को नुकसानों को आये दिन नुकसान हो रहा है रात को पशुओं के आपस में झगडऩे से उनकी चपेट में आने वाले वाहनों को काफी नुकसान हो रहा है लेकिन उन मालिकों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। शहर के मोहता चौक, दम्माणी चौक, नत्थुसर गेट, सिंगियों का चौक, बड़ा बाजार, मुक्ताप्रसाद, कोटगेट सहित कई ऐसे इलाके है जहां पर पशुओं की भरमार है।
