

बीकानेर। शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती का जिम्मा स्वायत्त संस्था राजस्थान लोक सेवा आयोग के पास है। चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के बावजूद पेपर लीक जैसी घटना हो गई। जिसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं गंभीरता से लेकर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही 29 दिसम्बर को दुबारा परीक्षा आयोजित करवाने की घोषणा की। ताकि अभ्यर्थी को कोई नुकसान नहीं हो। भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारी पूरी कर बीकानेर लौटे शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कहा कि ऊर्जा विभाग का प्रभार संभालते समय बिजली कम्पनियों में तकनीकी पदों पर भर्ती ऑनलाइन करवाई थी। प्रदेश में अन्य भर्ती परीक्षाओं में हजारों-लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं। इनके लिए ऑनलाइन परीक्षा के लिए बड़े पैमाने पर साधन-संसाधन चाहिए। धीरे-धीरे इनकी व्यवस्था प्रदेश में हो रही है। भविष्य में ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली को अपनाया जाएगा। जिससे पेपर लीक जैसी घटनाओं की आशंका समाप्त होगी।
दिल्ली से बेहतर राजस्थान
डॉ. कल्ला ने कहा कि प्रदेश सरकार का पूरा फोकस शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर है। क्वालिटी एजुकेशन के मामले में राजस्थान देश में टॉप तीन राज्यों में है। जबकि दिल्ली काफी पीछे है, लेकिन दिल्ली सरकार प्रचार-प्रसार कर माहौल बना रही है। राजस्थान के स्कूल और शिक्षा व्यवस्था दिल्ली से बेहतर है। सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के सवाल पर डॉ. कल्ला ने कहा कि बिजली कनेक्शन, शुद्ध पेयजलय, शौचालय व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। करीब 95 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में बिजली कनेक्शन समेत मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था हो चुकी है।
बालवाटिकाओं में प्रवेश शुरू
950 सरकारी स्कूलों की बालवाटिकाओं में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें निजी स्कूलों की तर्ज पर एलकेजी, यूकेजी और प्ले ग्रुप जैसी प्री-प्राइमरी एजुकेशन शुरू की है। क्वालिटी एजुकेशन के तहत कोरोना में पढ़ाई से वंचित रहे बच्चों का पहली बार आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के माध्यम से परीक्षण कराया गया। अमरीका जैसे देश में भी कक्षा 8 तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से वेल्यूवेशन नहीं होता है। सरकारी स्कूलों में अब विद्यार्थी को दैनिक डायरी, टीचर-पैरेंट्स मीटिंग, होमवर्क देने जैसे नवाचारों से गुणात्मक सुधार किए गए हैं।
