


बीकानेर। शहर में आए दिन तोड़ी जा रही दीवारों को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कलेक्टर के समक्ष जमकर नाराजगी व्यक्त की थी। टीटी कॉलेज की दीवार तोडऩे के मामले में शिक्षा निदेशक को एफआईआर तक कराने को कहा था लेकिन अब तक एफआईआर नहीं हुई लेकिन कल्ला की नाराजगी के ठीक चार दिन बाद संभागीय आयुक्त ने कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर डाक बंगले की दीवार तोडऩे के आदेश जारी कर दिए। डॉ. कल्ला 18 नवंबर को जब कलेक्ट्रेट एक मीटिंग में पहुंचे तो दीवार तोडऩे का मामला उठा। उन्होंने कलेक्टर से सवाल किया कि आखिर किसकी परमिशन से दीवारें तोड़ी जा रही हैं। टीटी कॉलेज की दीवार पर तो उन्होंने शिक्षा निदेशक को तत्काल एफआईआर कराने के लिए कहा। हालांकि अब तक एफआईआर नहीं हुई। हैरानी की बात है कि कल्ला की नाराजगी के ठीक चार दिन बाद यानी 23 नवंबर को संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने एक पत्र कलेक्टर और नगर निगम के आयुक्त को लिखा और निर्देश दिए कि रेलवे स्टेशन के सामने से सडक़ को सीधा निकालने के लिए पहले भी कई बार चर्चा हुई।
ट्रेफिक को सुगम बनाने के लिए इसे सीधा करना जरूरी है इसलिए इसमें जरूरी कार्रवाई की जाए। डीसी के पत्र के बाद से अब तक इस पर कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि डॉ. कल्ला की नाराजगी अधिकारी मोल नहीं लेना चाहते। बताते हैं कि डॉ. कल्ला के सामने व्यापारियों ने इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है कि अगर ये सडक़ चौड़ी और सीधी हुई तो ट्रेफिक लोड यहां ज्यादा होगा। इसी आधार पर कल्ला ने प्रशासन के समक्ष डाक बंगले की दीवार को भी तोडऩे के लिए सांकेतिक रूप से मना किया है। हालांकि डाक बंगले पर अधिकार पीडब्ल्यूडी का है।
ट्रेफिक को सुगम बनाने के लिए इसे सीधा करना जरूरी है इसलिए इसमें जरूरी कार्रवाई की जाए। डीसी के पत्र के बाद से अब तक इस पर कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि डॉ. कल्ला की नाराजगी अधिकारी मोल नहीं लेना चाहते। बताते हैं कि डॉ. कल्ला के सामने व्यापारियों ने इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है कि अगर ये सडक़ चौड़ी और सीधी हुई तो ट्रेफिक लोड यहां ज्यादा होगा। इसी आधार पर कल्ला ने प्रशासन के समक्ष डाक बंगले की दीवार को भी तोडऩे के लिए सांकेतिक रूप से मना किया है। हालांकि डाक बंगले पर अधिकार पीडब्ल्यूडी का है।