


खग्रास चन्द्र गहण होगा, जो दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 19 मिनट तक होगा। जयपुर में ग्रहण सिर्फ 42 मिनट के लिए रहेगा। यह ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि में घटित हो रहा है। ऐसे में इस नक्षत्र व राशि में जन्में व्यक्तियों के लिए विशेष कष्टप्रद होगा। ग्रहण के अशुभ फल से बचने के लिए जातकों को यथा शक्ति दान, जप, पाठ करना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा पर ग्रहण का समय 3 घण्टा 40 मिनट तक रहेगा। वहीं 1 घण्टा 26 मिनट तक खग्रास अवधि रहेगी, यानी चन्द्र खग्रास होता हुआ नजर आएगा। भारत में ग्रहण लगा हुआ ही चन्द्रमा उदय होगा। जयपुर में 42 मिनट तक दिखाई देगा। जयपुर में शाम 5 बजकर 37 मिनट पर चन्द्रोदय होगा, इसके साथ ही चन्द्रमा ग्रहण होता हुआ उगेगा। वहीं ग्रहण शाम 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में जयपुर में ग्रहण 42 मिनट तक दिखाई देगा।
ज्योतिषाचार्य पं. चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि चन्द्रग्रहण से पहले 8 नवम्बर को सूर्योदय के साथ ही ग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा। सामान्यतया चन्द्रग्रहण का सूतक 9 घण्टे पहले माना जाता है, लेकिन ग्रहण यदि ग्रस्तोदय हो तो शास्त्रों में पूर्ववर्ती पूरे दिन यानी सूर्योदय से ही सूतक मान्य होता है। धार्मिक जनों को सूतक प्रारम्भ हो जाने के बाद बालक-वृद्ध-रोगी को छोडक़र भोजनादि नहीं करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि यह ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि में घटित हो रहा है। ऐसे में इस नक्षत्र व राशि में जन्में व्यक्तियों के लिए विशेष कष्टप्रद होगा। ग्रहण के अशुभ फल से बचने के लिए जातकों को यथा शक्ति दान, जप, पाठ करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मेष, वृष, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर, मीन राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण अच्छा नहीं रहेगा। हालांकि मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों के लिए कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ग्रहण का फल
ज्योतिषाचार्य पं. चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास में मंगलवार को ग्रस्तोदय चन्द्रग्रहण होने से लूटपाट, चोरी व अग्निकाण्ड की घटनाएं बढ़ेगी तथा शीतकालीन फसलों में रोग प्रकोप होगा। राजनोताओं में भी खींचतान बढ़ेगी। ग्रहण के समय चन्द्र-राहु का सूर्य-बुध-शुक्र-केतु से सम-सप्तक योग बनने से प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की हानि तथा धातु व रस पदार्थों में तेजी होगी।
भारत में यूं नजर आएगा चन्द्रग्रहण
भारत में दोपहर बाद से सायंकाल तक होने वाला यह खग्रास चन्द्रग्रहण सम्पूर्ण भारत में ग्रस्तोदय के रूप में दिखाई देगा। राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात सहित सम्पूर्ण दक्षिण भारत में यह ग्रहण खग्रास समाप्ति बाद अर्थात् खण्डग्रास ग्रस्तोदय स्थिति में नजर आएगा, जबकि पूर्वी उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में खग्रास स्थिति अर्थात् चन्द्रमा पूर्ण ग्रसित काली थाली के रूप में उदय होता दिखाई देगा।
यहां भी नजर आएगा चन्द्रग्रहण
यह चन्द्रग्रहण भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, अधिकांश दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी-पूर्वी यूरोप, प्रशांत महासागर व एशिया स्थित सभी देश, रूस, चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, कजाकिस्तान, मंगोलिया, कोरिया, जापान आदि में दिखाई देगा।
यूं होगा चन्द्र ग्रहण
चन्द्रमा की उपच्छाया प्रवेश में दोपहर 1.30 बजे होगा, ग्रहण प्रारम्भ दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर होगा। दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर खग्रास प्रारंभ होगा। ग्रहण मध्य शाम 4 बजकर 29 मिनट पर होगा। शाम 5 बजकर 12 मिनट पर खग्रास पूर्ण हो जाएगा और शाम 6 बजकर 19 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। जबकि उपच्छाया अन्त शाम 7.28 बजे होगा।
